जस्टिस धर्माधिकारी ने अपने इस्तीफे पर कहा, मेरे पास विकल्प था या तो उड़ीसा हाईकोर्ट जाऊं या इस्तीफा दूं
LiveLaw News Network
15 Feb 2020 12:15 PM IST

शुक्रवार को एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए बॉम्बे हाई कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायाधीश जस्टिस सत्यरंजन धर्माधिकारी ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया।
न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने खुली अदालत में खबर सुनवाई जब वकील मैथ्यू नेदुम्परा ने एक याचिका का उल्लेख किया तो उन्होंने कहा कि ये उनका कार्यालय में आखिरी दिन है।
अपने कक्ष में पत्रकारों से बात करते हुए, न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने कहा कि उन्होंने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया है क्योंकि वह बॉम्बे नहीं छोड़ना चाहते थे क्योंकि उन्हें उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया है।
न्यायमूर्ति धर्माधिकारी ने कहा कि न्यायमूर्ति वीके ताहिलरमानी द्वारा मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहने के बाद उनकी पदोन्नति (बॉम्बे हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में) के बारे में चर्चा शुरू हो गई थी। हालांकि, "कुछ विशेष घटनाक्रम" हुए जो " उनकी जानकारी में नहीं थे" जिसके चलते उन्हें मुख्य न्यायाधीश के रूप में उड़ीसा जाने या इस्तीफा देने का विकल्प चुनना था। उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया।
उड़ीसा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में छोटे कार्यकाल के बारे में (कार्यकाल जनवरी 2022 में समाप्त होना था ), उन्होंने कहा-
"जगह नई है, लोग अलग हैं, कार्य संस्कृति अलग है। आपको एक नई जगह पर बसने के लिए कम से कम छह से आठ महीने की आवश्यकता होती है।"
उन्होंने कहा कि वह 16 साल से अधिक समय तक बेंच में रहने के बाद विदाई दे रहे हैं।
"मेरी आशा है कि उच्च न्यायालय हमेशा ऐसा ही रहे। यह उन व्यक्तियों के लिए है जो अन्याय सह चुके हैं। उसे सेवा करते रहना चाहिए। आशा है कि यह संस्थान शक्तिशाली राज्य के सामने नहीं झुकेगा जो इसके सामने सबसे बड़ी मुकदमेबाज है।"
न्यायमूर्ति धर्माधिकारी को 14 नवंबर, 2003 को बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया था और उन्होंने पिछले दशक में उच्च न्यायालय के कुछ सबसे महत्वपूर्ण निर्णयों को सुनाया था। वह पिछले कई वर्षों से हाईकोर्ट लाइब्रेरी की प्रबंध समिति के सदस्य थे। वह उच्च न्यायालय के भीतर 16 विभिन्न समितियों का नेतृत्व कर रहे थे और कुष्ठ रोग के उन्मूलन के लिए काम कर रहे थे।
मुख्य न्यायाधीश प्रदीप नंदराजोग 62 साल के होने के बाद 24 फरवरी को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी के बाद न्यायमूर्ति बीपी धर्माधिकारी वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं, लेकिन वो अप्रैल 2020 में सेवानिवृत्त होने वाले हैं। इसके चलते न्यायमूर्ति रंजीत मोरे अगले वरिष्ठतम जज बचे हैं और टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार उनका मेघालय हाईकोर्ट में स्थानांतरण हो गया है।