दिल्ली हिंसा : हर्ष मंदर का भाषण गंभीर अवमानना, दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा

LiveLaw News Network

5 March 2020 3:31 AM GMT

  • दिल्ली हिंसा : हर्ष मंदर का भाषण गंभीर अवमानना, दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट में दिया हलफनामा

    दिल्ली पुलिस ने पुलिस उपायुक्त (DCP) [कानूनी प्रकोष्ठ] के माध्यम से बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर कर एक्टिविस्ट हर्ष मंदर की याचिका को खारिज करने की मांग की और साथ ही मंदर से लागत वसूलने और उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने का भी अनुरोध किया।

    मंदर ने याचिका दाखिल कर भाजपा नेता अनुराग ठाकुर, कपिल मिश्रा और परवेश वर्मा के खिलाफ कथित तौर पर दिल्ली दंगों के लिए हिंसा भड़काने वाले भाषण देने के लिए एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी। इसके बाद मंदेर पर शीर्ष अदालत के खिलाफ बयान देने के काउंटर आरोप लगे।

    इस आशय का एक वीडियो मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत की की बेंच के ध्यान में लाया गया, जब शीर्ष अदालत में मुख्य मामला उठाया गया।

    पीठ ने तब उनकी याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। बेंच ने दिल्ली पुलिस से मंदर के बयान को प्रमाणित करने के लिए हलफनामा दायर करने को कहा। इस निर्देश का अनुपालन करते हुए दिल्ली पुलिस ने यह हलफनामा दायर किया है।

    पुलिस ने आरोप लगाया है कि यह भाषण न केवल हिंसा को उकसाने वाला है, बल्कि गंभीर रूप से अपमानजनक है क्योंकि लोगों की भारी भीड़ में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की गई है, पुलिस ने आरोप लगाया।

    "हर्ष मंदर एक भाषण दे रहे हैं जो न केवल हिंसा को उकसा रहा है, बल्कि गंभीर अवमानना ​​भी है क्योंकि भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ लोगों की एक विशाल सभा में अपमानजनक टिप्पणी है।"

    हलफनामे में कहा गया है कि मंदर को अवमानना ​​के लिए जाना जाता है और वे संस्थान (न्यायपालिका) के साथ-साथ व्यक्तिगत रूप से न्यायाधीशों का भी अपमान करते हैं। इस तर्क को पुष्ट करने के लिए पुलिस ने शीर्ष अदालत के एक आदेश का उल्लेख किया, जहां मंदर ने तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने असम में हिरासत केंद्रों की स्थिति पर मंदेर की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग करने से इनकार कर दिया था।

    2 मई, 2019 के अपने आदेश में तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने न केवल खुद को मामले से अलग करने से इनकार कर दिया, बल्कि याचिकाकर्ता के रूप में मंदेर के नाम के बजाए सुप्रीम कोर्ट लीगल सर्विसेज कमेटी बना दी। इस बिंदु को कार्यवाही के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने भी उठाया और कोर्ट से मंदेर के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने का आग्रह किया।


    हलफनामा पढ़ेंं



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