2002 गुजरात दंगा : सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद के 14 दोषियों को अंतरिम जमानत दी, कहा समाज सेवा और आध्यातमिक सेवा करेंगे
LiveLaw News Network
29 Jan 2020 8:28 AM IST

2002 में हुए गोधरा कांड के बाद हुए औध नरसंहार मामले में गुजरात हाईकोर्ट द्वारा आजीवन कारावास की सजायाफ्ता 14 दोषियों को सुप्रीम कोर्ट ने सशर्त अंतरिम जमानत दे दी है। इस नरसंहार में 23 लोगों को जिंदा जला दिया गया था।
इस पर मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने कहा है कि जमानत के दौरान दोषी गुजरात में प्रवेश नहीं करेंगे और 6 दोषी मध्य प्रदेश के इंदौर व आठ दोषी जबलपुर में रहेंगे।
पीठ ने ये भी शर्त लगाई है कि दोषी जमानत के दौरान 'समाज सेवा और आध्यात्मिक सेवा ' भी करेंगे।
पीठ ने इंदौर और जबलपुर जिला विधिक सेवा अधिकारियों को कहा है कि वो सुनिश्चित करें कि दोषी सप्ताह में 6 घंटे समाज सेवा और आध्यात्मिक सेवा में शामिल रहें और उनकी आजीविका के लिए भी काम का प्रबंध किया किया जाए।
पीठ ने राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देंश दिए कि वो जमानत के दौरान उनके आचरण पर कोर्ट के समक्ष तीन महीने में रिपोर्ट दाखिल करें और अदालत के आदेश पर अनुपालन रिपोर्ट भी दें। पीठ ने कहा कि ये जमानत सुप्रीम कोर्ट में उनकी अपील लंबित रहने तक है।
दरअसल दोषियों की ओर से वरिष्ठ वकील पीएस पटवालिया ने पीठ से आग्रह किया था कि उनकी अपील सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इस दौरान उन्हें जमानत दी जानी चाहिए। पीठ चाहे तो गुजरात ना जाने और मंदिर आदि में सेवा की शर्त भी लगा सकती है।
उनकी ओर से कहा गया कि इससे पहले वो पैराेल और फरलॉ पा चुके हैं और इस दौरान उन्होंने कोई अपराध नहीं किया। वो हिरासत में भी लौट आए थे। इसके अलावा 6 दोषियों को एक चश्मदीद की गवाही पर और शेष 8 को दो चश्मदीदों की गवाही पर दोषी करार दिया गया है।
वहीं गुजरात सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जमानत का विरोध किया लेकिन कहा कि जेल में उनका आचरण सही रहा है।
दरअसल मई 2018 में गुजरात हाई कोर्ट ने गुजरात दंगे के 19 दोषियों की आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा था। इन लोगों ने गुजरात के आणंद जिले में साल 2002 में भड़के सांप्रदायिक दंगों में 23 लोगों को जिन्दा जला दिया था। विशेष ट्रायल कोर्ट ने 2012 में इस मामले में कुल 23 लोगों को दोषी पाया था। इनमें से 19 लोगों को उम्रकैद की सजा दी गई।