गोवा नाइट क्लब अग्निकांड: दिल्ली कोर्ट ने सौरभ और गौरव लूथरा को तत्काल अंतरिम राहत देने से किया इनकार, कल होगी सुनवाई
Amir Ahmad
10 Dec 2025 8:59 PM IST

गोवा के अर्पोरा में स्थित 'बर्च बाय रोमियो लेन' नाइट क्लब में 6 दिसंबर को लगी भीषण आग, जिसमें कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई, मामले में क्लब के मालिक बताए जा रहे सौरभ लूथरा और गौरव लूथरा ने दिल्ली की रोहिणी कोर्ट में ट्रांजिट अग्रिम जमानत के लिए अर्जी दी है।
इस याचिका पर बुधवार को अपर सत्र न्यायाधीश वंदना ने सुनवाई की, लेकिन अदालत ने फिलहाल किसी भी प्रकार की अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया और मामले की सुनवाई कल के लिए स्थगित कर दी।
लूथरा बंधुओं की ओर से सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा और एडवोकेट तनवीर अहमद मीर अदालत में पेश हुए। बचाव पक्ष का कहना था कि याचिकाकर्ता केवल क्लब के लाइसेंसी हैं, मालिक या प्रबंधक नहीं, और क्लब का संचालन रोज़मर्रा के स्तर पर ऑपरेशनल मैनेजर्स के माध्यम से होता था, जिन्हें पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
सीनियर एडवोकेट ने कहा कि मौजूदा हालात में उनका उद्देश्य सिर्फ भारत लौटकर गोवा की सक्षम अदालतों में कानूनी उपाय अपनाना है। उन्होंने आरोप लगाया कि इस मामले में आरोपियों के खिलाफ “विच हंटिंग” की जा रही है।
बचाव पक्ष ने यह भी बताया कि सौरभ लूथरा, जिनकी उम्र 40 वर्ष है, वे हाइपरटेंशन और मिर्गी जैसी गंभीर मेडिकल समस्याओं से जूझ रहे हैं। दलील दी गई कि केवल किसी कॉरपोरेट इकाई से जुड़े होने के आधार पर आपराधिक मंशा (mens rea) आरोपित नहीं की जा सकती। उनके अनुसार आपराधिक जिम्मेदारी तभी बनती है, जब सीधे तौर पर किसी की संलिप्तता साबित हो।
इसके अलावा, यह आरोप भी लगाया गया कि लूथरा परिवार के अन्य व्यवसायिक प्रतिष्ठानों पर प्रशासन ने बिना नोटिस बुलडोजर कार्रवाई की है।
बचाव पक्ष ने यह भरोसा दिलाया कि यदि उन्हें अस्थायी संरक्षण मिलता है तो वे तुरंत भारत लौटकर जांच में पूरा सहयोग करेंगे।
वहीं राज्य सरकार की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिनव मुखर्जी ने अदालत को बताया कि जमानत याचिकाएं उन्हें उसी दिन सुबह ही प्राप्त हुई हैं और इस पर जवाब देने के लिए समय चाहिए ताकि स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की जा सके।
उन्होंने यह भी तर्क दिया कि याचिकाकर्ता फिलहाल फरार हैं और उनकी अर्जियां सुनवाई योग्य नहीं हैं।
राज्य की ओर से यह जानकारी भी दी गई कि गोवा की अदालतों ने लूथरा बंधुओं के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किए हुए हैं, जिसके चलते किसी भी प्रकार की अंतरिम राहत देना उचित नहीं होगा।
सुनवाई के दौरान अदालत ने बचाव पक्ष से यह सवाल किया कि जब याचिकाकर्ता थाईलैंड में मौजूद हैं और दिल्ली कोर्ट के प्रत्यक्ष क्षेत्राधिकार में भी नहीं हैं, तो उनकी ट्रांजिट अग्रिम जमानत याचिका कैसे सुनवाई योग्य हो सकती है।
इस पर मीर ने कहा कि दोनों आवेदक दिल्ली के निवासी हैं, उनका स्थायी निवास यहीं है और वे केवल एक कारोबारी बैठक के सिलसिले में थाईलैंड गए हैं।
उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि अदालत से सीमित संरक्षण मिलता है तो वे जल्द भारत लौटकर स्वयं को न्यायिक प्रक्रिया के समक्ष प्रस्तुत करेंगे।
हालांकि दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फिलहाल किसी भी किस्म की अंतरिम सुरक्षा देने से इनकार कर दिया और कहा कि मामले पर कल (गुरुवार) विस्तृत सुनवाई के बाद ही उपयुक्त आदेश पारित किए जाएंगे।
गौरतलब है कि यह दर्दनाक हादसा 6 दिसंबर को अर्पोरा में हुआ था, जिसमें 20 क्लब कर्मचारियों और 5 पर्यटकों की जान चली गई, जिनमें से चार मृतक दिल्ली के निवासी थे। इसके अलावा पांच घायल अभी भी गोवा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उपचाराधीन हैं।
इस मामले में अब तक पुलिस ने क्लब के मुख्य महाप्रबंधक राजीव मोडक, जनरल मैनेजर विवेक सिंह, बार मैनेजर राजीव सिंघानिया, गेट मैनेजर रियांशु ठाकुर और भरत कोहली को गिरफ्तार किया है।
लूथरा बंधुओं के कथित तौर पर देश से बाहर चले जाने के बाद उनकी तलाश के लिए उनके खिलाफ इंटरपोल का ब्लू नोटिस जारी किया गया। पुलिस ने क्लब के एक अन्य मालिक अजय गुप्ता को भी पूछताछ के लिए दिल्ली स्थित क्राइम ब्रांच कार्यालय बुलाया है।
अब सबकी निगाहें कल होने वाली सुनवाई पर टिकी हैं, जब अदालत उनकी याचिका पर आगे का फैसला सुनाएगी।

