वायु प्रदूषण के बीच दिल्ली के स्कूलों में खेल गतिविधियां जारी, एमिक्स क्यूरी ने सुप्रीम कोर्ट को किया आगाह
Amir Ahmad
15 Dec 2025 1:01 PM IST

Delhi-NCR में गंभीर वायु प्रदूषण के बावजूद कई स्कूलों द्वारा खुले में खेल गतिविधियां कराए जाने पर सुप्रीम कोर्ट में चिंता जताई गई। दिल्ली वायु प्रदूषण मामले में कोर्ट की सहायता कर रहीं सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अनेक स्कूल सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों को दरकिनार कर नवंबर-दिसंबर के दौरान आउटडोर खेल गतिविधियां आयोजित कर रहे हैं।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष पेश होते हुए एमिक्स क्यूरी ने कहा कि अदालत द्वारा खुले मैदानों में खेल गतिविधियों पर रोक के बावजूद स्कूलों ने नियमों को दरकिनार करने के तरीके निकाल लिए हैं। उन्होंने कहा कि इस गंभीर प्रदूषण की स्थिति में भी बच्चों को नहीं बख्शा जा रहा है और जिन गतिविधियों पर न्यायालय ने प्रतिबंध लगाया है, वही गतिविधियां जारी हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CQM) ने भी एक अधिसूचना जारी कर नवंबर-दिसंबर के दौरान बच्चों के लिए आउटडोर खेल गतिविधियों पर रोक लगाई है। इसके बावजूद स्कूल न्यायालय और आयोग दोनों के आदेशों को बायपास कर रहे हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अदालत को ऐसे ही आदेश पारित करने चाहिए, जो व्यावहारिक रूप से लागू किए जा सकें। उन्होंने कहा कि यदि समस्या बनी हुई है तो उसका व्यावहारिक समाधान तलाशना होगा और केवल वही निर्देश दिए जाने चाहिए, जिनका प्रभावी ढंग से पालन संभव हो। चीफ जस्टिस ने यह भी टिप्पणी की कि कई बार आदेशों का पालन इसलिए नहीं हो पाता, क्योंकि लोग उनकी गंभीरता को नहीं समझते या फिर उन्हें अपने जीवनशैली में बदलाव करना कठिन लगता है।
सीजेआई ने कहा कि बड़े शहरों में लोगों की जीवनशैली ऐसी हो गई, जिसे बदलना आसान नहीं है लेकिन प्रदूषण जैसी गंभीर समस्या के समाधान के लिए अनुकूलन और बदलाव आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे मुद्दे में गरीब तबके पर पड़ने वाले प्रभाव को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
एमिक्स क्यूरी ने अदालत को यह भी अवगत कराया कि ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप)-IV लागू होने के बाद कई निर्माण श्रमिकों के सामने रोज़गार का संकट खड़ा हो गया है, क्योंकि निर्माण गतिविधियां ठप हैं।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने एमसी मेहता मामले में अलग-अलग याचिकाएं दायर करने वाले वकीलों को निर्देश दिया कि वे अपनी समस्याएं और सुझाव एमिक्स क्यूरी के समक्ष रखें। उन्होंने यह भी कहा कि केवल मीडिया में दिखने के उद्देश्य से याचिकाएं दायर न की जाएं, क्योंकि अदालत का समय सीमित है।
अदालत ने संकेत दिया कि इस मुद्दे पर विस्तृत विचार के लिए मामले को परसों सूचीबद्ध किया जाएगा ताकि प्रदूषण से निपटने के लिए प्रभावी और लागू किए जा सकने वाले निर्देशों पर विचार किया जा सके।

