देश की हर तहसील में हों केंद्रीय विद्यालय, दिल्ली हाईकोर्ट में सरकार को निर्देश देने के लिए याचिका

LiveLaw News Network

20 Sep 2019 10:22 AM GMT

  • देश की हर तहसील में हों केंद्रीय विद्यालय, दिल्ली हाईकोर्ट में सरकार को निर्देश देने के लिए याचिका

    दिल्ली हाईकोर्ट एक जनहित याचिका पर सुनवाई करेगा, जो प्रत्येक तहसील में कम से कम एक केंद्रीय विद्यालय की स्थापना के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) को निर्देश जारी करने के लिए दाखिल की गई है।

    भाजपा नेता एडवोकेट अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर की गई याचिका में अदालत से मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) को निम्नलिखित निर्देश देने का आग्रह किया गया है।

    अदालत मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार को निर्देशित करे कि वह भारत के पूरे क्षेत्र में प्रत्येक तहसील, तालुका, उप-मंडल, सर्कल और वट्टम या प्रत्येक राज्य विधानसभा में कम से कम एक केंद्रीय विद्यालय(सेंट्रल स्कूल) की स्थापना की व्यावहारिकता के बारे में पता लगाए।

    मानव संसाधन विकास मंत्रालय को समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, एकता और राष्ट्र की एकता, मौलिक अधिकार, राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांत, मौलिक कर्तव्यों और संविधान के मूल ढांचे पर एक मानक पाठ्यपुस्तक उपलब्ध करवाने के लिए निर्देशित करें और भारत भर में I से VIII कक्षा तक के छात्रों सभी के लिए इस पुस्तक के अध्ययन को अनिवार्य बनाएं।

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    याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि प्रत्येक तहसील में कम से कम एक केंद्रीय विद्यालय सुनिश्चित करना संविधान के अनुच्छेद 21 ए के तहत प्रत्येक बच्चे के शिक्षा के मौलिक अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।

    इसके अलावा इसे राज्य नीति के निर्देशक सिद्धांतों के तहत सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के रूप में भी पढ़ा जा सकता है क्योंकि अनुच्छेद 38 (2) कहता है कि राज्य आय में असमानताओं को कम करने का प्रयास करेगा।

    याचिकाकर्ता द्वारा यह भी प्रस्तुत किया गया है कि देश भर में समान स्कूली शिक्षा सभी को धर्मनिरपेक्ष शिक्षा ग्रहण करना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा,

    '... यह हमारे जैसे देश में और भी आवश्यक हो जाता है, जो कई जातियों धर्मों की भाषाओं और संस्कृति से बना है और जातिवाद, सांप्रदायिकता, क्षेत्रवाद और भाषावाद की समस्याएं यहां हैं।'

    यह याचिका एक प्रतिस्पर्धी मॉडल के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में छात्रों को दी जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए है। यह देखा गया है कि केंद्रीय विद्यालयों में गरीब छात्रों को कम फीस में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिलेगी और वे प्रतिस्पर्धा कर पाएंगे। केंद्रीय विद्यालय की स्थापना से आस-पास के स्कूलों को भी एक बेहतर शिक्षा देने का माहौल बनेगा क्योंकि वे केंद्रीय विद्यालय से मुकाबला करेंगे।

    याचिका में यह भी कहा गया है कि चूंकि केंद्रीय विद्यालय में सभी शिक्षकों को राष्ट्रीय परीक्षा के माध्यम से भर्ती किया जाता है, इसलिए छात्रों को महानगरीयता और उदारवाद की संस्कृति से परिचित कराया जाएगा। इस याचिका पर 23 सितंबर को सुनवाई होगी।



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