एलएलएम ए‌‌डमिशन के वक्त एलएलबी की डिग्री जमा न कर सके कैंडिडेट को दिल्ली हाईकोर्ट ने दी राहत

LiveLaw News Network

21 Nov 2019 9:00 AM GMT

  • एलएलएम ए‌‌डमिशन के वक्त एलएलबी की डिग्री जमा न कर सके कैंडिडेट को दिल्ली हाईकोर्ट ने दी राहत

    दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा है कि जब तक इन्फार्मेशन बुलेटिन / प्रोस्पेक्टस यह स्पष्ट नहीं है कि पूरक परीक्षा का परिणाम मुख्य परीक्षा से संबंधित नहीं होगा, तब तक संशय का लाभ उम्मीदवार को दिया जाएगा

    मौजूदा याचिका एक उम्मीदवार ने दायर की है, जो एलएलएम के लिए नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, दिल्ली में प्रवेश की मांग कर रहा था। एनएलयूडी ने 2019 में एलएलएम पाठ्यक्रम के लिए जो पात्रता मानदंड रखा है, उसके अनुसार उम्मीदवार को एलएलबी अथवा किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एलएलबी के समकक्ष डिग्री में कम से कम 55% अंकों के साथ पास होना चाहिए।

    उपरोक्त मुकदमे में याचिकाकर्ता अपनी एलएलबी पूरी कर चुका है, हालांकि उसने ये कोर्स 2019 में एलएलएम में प्रोविजनल एडमिशन पा चुके कैंडिडेट्स के ओरिएंटेशन के लिए तय तारीख के बाद पूरा किया है। इसलिए अदालत को निम्नलिखित प्रश्न पर फैसला करना पड़ा:

    इस आधार पर कि जिस दिन ओरिएंटशन आयोजित किया गया था, याचिककार्ता ने एलएलबी कोर्स पूरा नहीं किया था, एनएलयूडी ने उसके 2019 के एलएलएम कोर्स में दाखिले के दावे को खारिज करके सही किया है?

    जबकि उम्मीदवार को बिना एलएलबी कोर्स पूरा किए एलएलएम कोर्स के रेगुलेशन 3 (बी) के आधार पर एआईएलईटी परीक्षा में उपस्थित होने की अनुमति दी गई थी।

    रेगुलेशन 3 (बी) इस प्रकार हैः

    'अर्हता परीक्षा के परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे उम्मीदवार प्रवेश परीक्षा के लिए इस शर्त के साथ शामिल हो सकते हैं कि वे प्रवेश के समय अर्हता परीक्षा में पास होने का प्रमाण प्रस्तुत कर देंगे।'

    एग्जाम पास कर लेने के बाद जब याचिकाकर्ता को ओर‌िएंटेशन के लिए बुलाया गया तो उन्होंने एनएलयूडी को एक ईमेल लिखा, जिसमें उन्हें अपने एलएलबी का रिजल्ट जमा करने के लिए और समय की मांग की‌ थी, याचिकाकर्ता का कहना था कि तकनीकी गड़बड़ियों के कारण विश्वविद्यालय द्वारा उनका रिजल्ट लेट कर दिया गया है।

    उसे अपने इमेल के संबंध विश्वविद्यालय से कोई जवाब नहीं मिला हालांकि यूनिवर्सिटी ने उन्हें एलएलएम कोर्स के लिए उसका रोल-नंबर जरूर भेज दिया।

    कैंडिडेट को बाद में एक पूरक परीक्षा के लिए बैठना पड़ा, जिसके बाद यूनिवर्स‌िटी ने उसे बताया कि उसका 2019 एलएलएम में उनका प्रोविजनल एडमिशन रद्द कर दिया गया था क्योंकि वो ओरिएंटशन की तारीख तक अर्हता परीक्षा पास नहीं कर सका था।

    उम्मीदवार की ओर से दलील दी गई कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि एलएलएम प्रोग्राम के रेगुलेशन में पूरक परीक्षा के संबंध में कुछ भी नहीं कहा गया है इसलिए पूरक परीक्षा का परिणाम मुख्य परीक्षा के परिणाम से संबंधित होना चाहिए।

    दूसरी ओर, एनएलयूडी के लिए उपस्थित हुए सुनील अग्रवाल ने कहा कि याचिकाकर्ता को प्रवेश के समय अर्हता परीक्षा पास करने का प्रमाण प्रस्तुत करना आवश्यक था।

    याचिकाकर्ता की दलीलों के साथ सहमति व्यक्त करते हुए अदालत ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा रोल-नंबर दिए जाने के तथ्य से पता चलता है कि याचिकाकर्ता ये मानने का हकदार था कि उसने समय बढ़ाने के लिए जो अनुरोध तारीख 10।08।2019 ओर 13।08।2019 को उसने किया था, उससे एनएलयूडी का संबंधित प्राधिकरण उसे एलएलबी के र‌िजल्ट जमा करने के लिए एक्सटेंशन देने को तैयार हो गया था।

    इसलिए अदालत ने एनएलयूडी को याचिकाकर्ता को प्रवेश देने करने का निर्देश दिया और एक्ट्रा क्‍लासेज देकर, बाकी स्टूडेंट्स के साथ होने में मदद करने का आदेश दिया।

    पूरा निर्णय पढ़ेेः


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