साक्ष्य के लिए पुलिस के अदालतों में पेश होने के निर्देश के बाद दिल्ली बार एसोसिएशन ने वापस ली हड़ताल
Amir Ahmad
8 Sept 2025 6:03 PM IST

दिल्ली पुलिस द्वारा आज (8 सितंबर) जारी किए गए स्पष्टीकरण के बाद कि उसके अधिकारी राष्ट्रीय राजधानी की अदालतों में गवाही देने या साक्ष्य दर्ज कराने के लिए शारीरिक रूप से उपस्थित होंगे, दिल्ली के जिला न्यायालय बार एसोसिएशनों ने अपनी हड़ताल वापस लेने का फैसला किया।
दिल्ली के सभी जिला न्यायालय बार एसोसिएशनों की समन्वय समिति द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया,
“चूँकि पुलिस आयुक्त के कार्यालय से परिपत्र जारी किया गया कि "सभी आपराधिक मुकदमों में सभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी गवाही/साक्ष्य के उद्देश्य से माननीय न्यायालय के समक्ष शारीरिक रूप से उपस्थित होंगे।"
समन्वय समिति ने हुई अपनी बैठक में यह निर्णय लिया कि चूँकि पुलिस अधिकारियों को गवाही/साक्ष्य के उद्देश्य से अदालतों में शारीरिक रूप से उपस्थित होने के निर्देश देने की हमारी माँग पूरी हो गई। इसलिए कार्य से विरत रहने का आह्वान वापस लिया जा रहा है।”
13 अगस्त को दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अधिसूचना जारी कर दिल्ली के सभी पुलिस थानों को पुलिसकर्मियों के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से साक्ष्य प्रस्तुत करने और अदालतों में गवाही देने के स्थान के रूप में नामित किया।
बार के विरोध के बाद दिल्ली पुलिस ने 4 सितंबर को परिपत्र जारी कर स्पष्ट किया कि पुलिस थानों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केवल औपचारिक पुलिस गवाहों की ही पूछताछ की जाएगी।
हालांकि, सभी जिला अदालतों की समन्वय समिति ने आज फिर से सर्कुलर जारी कर अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया, इस आधार पर कि पुलिस परिपत्र अधिकारियों द्वारा दिए गए आश्वासनों के विपरीत है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष, सीनियर एडवोकेट मनन कुमार मिश्रा ने समन्वय समिति को हड़ताल स्थगित करने या वापस लेने के लिए पत्र लिखा था।
उन्होंने समन्वय समिति को BCI और दिल्ली बार काउंसिल के साथ एक संयुक्त बैठक में भाग लेने के लिए भी आमंत्रित किया, लेकिन प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया गया।
तदनुसार विशेष आयुक्त ने आज एक सर्कुलर जारी किया, जिसमें कहा गया,
"दिनांक 04.09.2025 के पूर्व पत्र में आंशिक संशोधन करते हुए, यह निर्देश दिया जाता है कि सभी आपराधिक मुकदमों में सभी पुलिस अधिकारी/कर्मचारी गवाही/साक्ष्य के उद्देश्य से माननीय न्यायालयों के समक्ष उपस्थित होंगे। इसे दिल्ली पुलिस आयुक्त की स्वीकृति प्राप्त है।"

