एक आपराधिक मामले में जांच और ट्रायल सामान्य तौर पर वहां होने चाहिए जहां कार्रवाई का कारण घटित हुआ है : सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network

9 March 2021 2:43 PM GMT

  • एक आपराधिक मामले में जांच और ट्रायल सामान्य तौर पर वहां होने चाहिए जहां कार्रवाई का कारण घटित  हुआ है : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट ने दोहराया है कि एक आपराधिक मामले में जांच और ट्रायल सामान्य तौर पर वहां होने चाहिए जहां कार्रवाई का कारण घटित हुआ है।

    न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा ​​की पीठ ने आरोपी की आपराधिक मामले को नई दिल्ली स्थित मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के न्यायालय से उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद (प्रयागराज) के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के न्यायालय में ट्रांसफर करने की याचिका को खारिज करते हुए इस प्रकार कहा।

    इस मामले में 4 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 389 के साथ पढ़ते हुए धारा 34 के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी।

    शिकायतकर्ता के अनुसार, उन्होंने अखबार की रिपोर्ट और टीवी मीडिया रिपोर्ट से पता चला कि आरोपी ने झूठा आरोप लगाया था कि उसके घर में उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। यह भी कहा गया कि उसे 5 करोड़ रुपये देने के लिए संदेश मिला था।

    अपराध के आरोप के डर से व्यक्ति से जबरन उगाही धारा 383 आईपीसी के तहत अपराध है।

    "एक आपराधिक मामले में, जांच और ट्रायल का स्थान उसी न्यायालय होना चाहिए, जिसके स्थानीय अधिकार क्षेत्र में, अपराध कथित रूप से हुआ है जैसा की सीआरपीसी की धारा 177 द्वारा प्रदान किया गया है। जांच और ट्रायल का सामान्य स्थान प्रत्येक अपराध की जांच और ट्रायल के लिए वो न्यायालय होगा जिसके स्थानीय अधिकार क्षेत्र के भीतर यह घटित हुआ है.. प्राथमिकी में दलीलों के अनुसार कार्रवाई का कारण नई दिल्ली में उत्पन्न होता है, जहां याचिकाकर्ता का वैवाहिक घर है। यह अदालत लगातार यह मानती रही है कि आपराधिक मामले में जांच और ट्रायल सामान्य तौर पर वहां होने चाहिए जहां कार्रवाई का कारण घटित हुआ है।

    अदालत ने अब्राहम अजीत बनाम पुलिस निरीक्षक (2004) 8 SCC 100 में दी गई टिप्पणियों का उल्लेख किया।

    अदालत ने कहा कि, वर्तमान मामले में, यदि स्थानांतरण याचिका की अनुमति दी जाती है, तो आधिकारिक गवाहों को नई दिल्ली से इलाहाबाद (प्रयागराज) की यात्रा करने की आवश्यकता होगी, जो उनके आधिकारिक कर्तव्यों को निभाने में बाधा उत्पन्न करेगा। इसलिए, पीठ ने स्थानांतरण याचिका को खारिज कर दिया।

    मामला: स्वाति निरखि बनाम राज्य (दिल्ली NCT) [ ट्रांसफर याचिका (CRL ) संख्या 262/ 2018 ]

    पीठ : जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस इंदु मल्होत्रा

    उद्धरण: LL 2021 SC 148

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