'बाढ़ एवं सैलाब' बीमा कवरेज में केवल नदियों के उफान से होने वाला नुकसान ही नहीं, बल्कि भारी बारिश से होने वाली क्षति भी शामिल : सुप्रीम कोर्ट

LiveLaw News Network

29 Jan 2020 9:21 AM IST

  • बाढ़ एवं सैलाब बीमा कवरेज में केवल नदियों के उफान से होने वाला नुकसान ही नहीं, बल्कि भारी बारिश से होने वाली क्षति भी शामिल : सुप्रीम कोर्ट

    सुप्रीम कोर्ट को एक उल्लेखनीय फैसले में बीमा करार के संदर्भ में 'बाढ़ एवं सैलाब' के अर्थ की व्याख्या करनी थी।

    कोर्ट के पास यह मुद्दा था कि क्या ये शब्द (बाढ़ एवं सैलाब) केवल नदियों के उफान के कारण होने वाले नुकसान से संबंधित है या इसमें भारी बारिश के कारण होने वाली क्षति भी शामिल है।

    यह मामला 'ऑरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम मेसर्स जे के सीमेंट वर्क्स लिमिटेड' से जुड़ा है, जो राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग के आदेश के खिलाफ अपील है।

    प्रतिवादी (एक सीमेंट निर्माता कंपनी) ने अपीलकर्ता से स्टैंडर्ड फायर एवं पेरिल इश्योरेंस कवरेज पॉलिसी खरीदी थी, जिसमें अन्य चीजों के अलावा 'बाढ़ एवं सैलाब' से हुई क्षति का कवरेज भी शामिल था।

    भारी बारिश के कारण प्रतिवादी का कोयले का स्टॉक बह गया था। अपीलकर्ता ने प्रतिवादी के नुकसान के दावे को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि भारी बारिश के कारण हुई क्षति 'बाढ़ और सैलाब' से होने वाली क्षति के दायरे में नहीं आती है।

    प्रतिवादी कंपनी ने एक करोड़ 32 लाख रुपये के मुआवजे का दावा करते हुए राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निपटारा आयोग का दरवाजा खटखटाया था। आयोग ने प्रतिवादी के दावे को सही ठहराया था, जिसके बाद बीमा कंपनी ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।

    बीमा कंपनी की दलील थी कि 'बाढ़' का अर्थ नदियों, तालाबों, झील आदि जैसे जलस्रोतों से उफनकर पानी के बहने से है। हालांकि सैलाब के संदर्भ में कंपनी ने दलील दी कि इसका अर्थ जलभराव से है तथा इस मामले में यह लागू नहीं होगा, क्योंकि कोयला भारी बारिश के कारण बह गया था।

    इस मामले के निर्धारण के लिए न्यायमूर्ति मोहन एम शांतनगौदर और न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी की बेंच ने कंसाइज इंग्लिश डिक्शनरी, स्ट्राउड्स ज्यूडिशियल डिक्शनरी और ब्लैक्स लॉ डिक्शनरी में परिभाषित इन शब्दों के अर्थों का उल्लेख किया।

    इन शब्दों के अर्थों के आधार पर कोर्ट ने कहा कि बाढ़ को व्यापक तौर पर निम्नलिखित तीन श्रेणियों में बांटा जाता है : तटीय बाढ़, नदीय बाढ़ और बरसाती बाढ़ (सतही बाढ़)।

    बरसाती या सतही बाढ़ किसी क्षेत्र में भारी बारिश के कारण जलभराव की स्थिति दर्शाती है। यह बाढ़ किसी जलस्रोत के उफान मारने के कारण नहीं, बल्कि उससे अलग कारणों से आती है।

    'सैलाब' को जलस्रोतों के उफान मारने के कारण होने वाले जलभराव और ऐसे ओवरफ्लो के परिणाम के रूप में वर्णित किया गया था।

    बेंच ने कहा,

    "हमने पहले ही इस बात को रेखांकित किया है कि शब्द 'फ्लड (बाढ़) एवं इनअनडेशन (सैलाब)' का इस्तेमाल आमतौर पर सूखी जमीन पर पानी के सैलाब के पर्यायवाची के तौर पर किया जाता है। इसलिए, अपीलकर्ता की पहली दलील को बरकरार नहीं रखा जा सकता है।

    हमने पूर्व में चर्चा की है कि भारी बारिश के कारण आने वाली बाढ़ जलस्रोत से इतर होती है, इस प्रकार यह स्पष्ट है कि बाढ़ केवल जलस्रोतों में ओवरफ्लो तक ही सीमित नहीं है। इस प्रकार अपीलकर्ता की दूसरी दलील में भी कोई आधार नहीं है।"

    कोर्ट ने यह भी कहा कि फैक्ट्री के निकट कोई जलस्रोत भी नहीं है।

    बेंच ने अपील खारिज करते हुए कहा, "जिस सूखी जमीन पर कोयला यार्ड स्थित था, वहां किसी जलस्रोत से पानी के ओवरफ्लो होने का खतरा भी नहीं था, इसलिए बीमा करार करने वाले पक्षों का इरादा 'बाढ' शब्द को प्रतिबंधात्मक अर्थ देने का नहीं हो सकता था। इस तरह की संकीर्ण व्याख्या से यह निष्कर्ष निकलेगा कि 'बाढ़' शब्द को करार में शामिल करना निरर्थक था, लेकिन ऐसा नहीं हो सकता था।"

    मुकदमे का ब्योरा

    शीर्षक : ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड बनाम मेसर्स जे के सीमेंट वर्क्स लिमिटेड

    केस नं.- सिविल अपील नं. 7402/2009

    कोरम : न्यायमूर्ति मोहन एम शांतनगौदर और न्यायमूर्ति आर सुभाषरेड्डी


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