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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ होंगे देश के 50वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया, सीजेआई यूयू ललित ने कानून मंत्री को उनके नाम की सिफारिश की

Brij Nandan
11 Oct 2022 5:55 AM GMT
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़
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जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Justice DY ChandraChud) देश के 50वें चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया होंगे। भारत के चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित (CJI UU Lalit) ने भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश के रूप में सुप्रीम कोर्ट के दूसरे सीनियर जज जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश करते हुए केंद्र सरकार को पत्र लिखा है।

सीजेआई ललित ने आज सुबह 10.15 बजे जस्टिस चंद्रचूड़ को उत्तराधिकारी CJI को नामित करने वाला पत्र सौंपा।

सीजेआई ललित ने सुप्रीम कोर्ट के सभी जजों से अगले CJI की घोषणा के लिए जजों के लाउंज में इकट्ठा होने का अनुरोध किया था।

CJI ललित 8 नवंबर से सेवानिवृत्त हो रहे हैं। हाल ही में, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने CJI को पत्र लिखकर उत्तराधिकारी का नाम बताने का अनुरोध किया था।

यदि केंद्र सीजेआई ललित के प्रस्ताव को स्वीकार करता है, तो जस्टिस चंद्रचूड़ का कार्यकाल 10 नवंबर, 2024 तक भारत के 50 वें चीफ जस्टिस के रूप में दो साल से अधिक का होगा। यह हाल के दिनों में सीजेआई के लिए सबसे लंबी अवधि में से एक है।

जस्टिस चंद्रचूड़ के पिता जस्टिस वाईवी चंद्रचूड़ 2 फरवरी 1978 से 11 जुलाई 1985 तक भारत के 16वें मुख्य न्यायाधीश थे।

जस्टिस चंद्रचूड़ अपने उदार और प्रगतिशील फैसलों के लिए जाने जाते हैं, सबसे हालिया निर्णय अविवाहित महिलाओं के 24 सप्ताह तक के गर्भपात की मांग के अधिकारों को बरकरार रखने वाला निर्णय है। वह संविधान पीठ का हिस्सा थे, जिसने सहमति से समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया, अनुच्छेद 21 के तहत निजता को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता दी, व्यभिचार को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया। वह मैजरिटी का हिस्सा था जिसने सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने के लिए सभी उम्र की महिलाओं के अधिकार को बरकरार रखा।

जस्टिस चंद्रचूड़ 5 जजों की बेंच के भी सदस्य थे, जिसने अयोध्या-बाबरी मस्जिद मामले का फैसला सुनाया था।

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