फिर तो हमें रूमाल के इस्तेमाल पर भी नज़र रखनी चाहिए: सुप्रीम कोर्ट ने वकीलों के बैंड के पर्यावरण-अनुकूल निपटान की याचिका खारिज की
Amir Ahmad
18 Nov 2025 1:37 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को देश भर की सभी अदालतों में इस्तेमाल हो चुके वकीलों के बैंड के संग्रह, पृथक्करण, निपटान और पुनर्चक्रण के लिए एक समान और पर्यावरण-अनुकूल प्रणाली की मांग वाली याचिका पर विचार करने से इनकार किया।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई और जस्टिस के विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ता की बात सुनी, जो व्यक्तिगत रूप से पेश हुईं और खुद को एक वकील की पत्नी बताया। उन्होंने दलील दी कि दिवाली की छुट्टियों के दौरान उन्हें कई फेंके हुए वकीलों के बैंड मिले, जिनके बारे में उनका दावा था कि वे गैर-जैवनिम्नीकरणीय सामग्री से बने थे। उन्होंने तर्क दिया कि ऐसे कपड़े के बैंड के लगातार इस्तेमाल से पर्यावरणीय अपशिष्ट बढ़ता है और इसके लिए नियमन की आवश्यकता है।
चीफ जस्टिस इससे प्रभावित नहीं हुए। उनकी दलीलों का जवाब देते हुए उन्होंने टिप्पणी की कि अगर इस तर्क का पालन किया जाता है तो न्यायालय को रूमाल जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं पर भी नज़र रखनी होगी।
चीफ जस्टिस ने कहा,
"तो फिर अदालत को रूमाल के इस्तेमाल पर नज़र रखनी चाहिए।"
आगे बढ़ने का कोई आधार न पाकर अदालत ने याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया।
चीफ जस्टिस ने कहा, "खारिज।"

