Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

CJI के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप : इन- हाउस पैनल की जांच पूरी होने तक साजिश के दावों की छानबीन नहीं करेंगे जस्टिस पटनायक

Live Law Hindi
27 April 2019 2:49 PM GMT
CJI के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप : इन- हाउस पैनल की जांच पूरी होने तक साजिश के दावों की छानबीन नहीं करेंगे जस्टिस पटनायक
x

उम्मीद ये की जा रही थी कि देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर जस्टिस एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाले इन-हाउस जांच पैनल के साथ-साथ बड़ी साजिश को लेकर जस्टिस ए. के. पटनायक की जांच भी चलेगी। लेकिन अब जस्टिस पटनायक ने इन- हाउस पैनल की जांच खत्म होने तक रुकने का फैसला किया है।

दरअसल जस्टिस अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने शीर्ष अदालत के रिटायर्ड जज जस्टिस पटनायक (सीबीआई, दिल्ली पुलिस और खुफिया ब्यूरो के प्रमुखों की सहायता से) को वकील उत्सव बैंस के CJI गोगोई के खिलाफ फिक्सर और असंतुष्ट कर्मचारियों द्वारा साजिश के दावों की सत्यता का पता लगाने का काम सौंपा है।

"मैं तब तक शुरू नहीं करने जा रहा हूं जब तक कि इन-हाउस जांच समाप्त नहीं हो जाती। यदि आप सुप्रीम कोर्ट के आदेश [25 अप्रैल] को देखें तो मुझे अपना कार्य पूरा करने के लिए 15 या 20 दिनों की तरह समय सीमा नहीं दी गई है ... मैं जस्टिस बोबडे समिति की जांच के साथ किसी भी टकराव से बचने के लिए उनकी जांच खत्म होने तक का इंतजार करूंगा," जस्टिस पटनायक ने कहा।

इन-हाउस पूछताछ को प्राथमिकता देने का ये फैसला खुद जस्टिस पटनायक का ही है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश में इस आशय के कोई भी संकेत नहीं हैं।

वास्तव में जस्टिस मिश्रा की पीठ ने बार-बार यह आश्वासन दिया है कि, "अदालत में दायर किए गए हलफनामे और पारित आदेश को किसी भी तरह से प्रशासनिक स्तर की जांच को प्रभावित नहीं करना चाहिए। ... हम फिर से दोहराते हैं कि जांच के परिणाम इन-हाउस प्रक्रिया/जांच को प्रभावित नहीं करेंगे जो किसी भी तरह से प्रशासनिक पक्ष में लंबित है।"

यह स्पष्टीकरण वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह के तर्क पर आया क्योंकि उन्होंने यह आग्रह किया कि दोनों जांच को एक-दूसरे पर पूर्वाग्रह नहीं होना चाहिए।

Next Story