बच्ची से सात महीने तक रेप : चेन्नई की POCSO अदालत ने 15 लोगों को दोषी करार दिया
LiveLaw News Network
1 Feb 2020 3:38 PM IST

चेन्नई की एक विशेष अदालत ने 2018 में एक अपार्टमेंट परिसर में सात महीनों तक 11 वर्षीय बालिका से रेप के मामले में 16 में से 15 आरोपियों को दोषी ठहराया है।
आरोपियों में से एक को बरी कर दिया गया। चेन्नई की महिला कोर्ट में POCSO (प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस) एक्ट के तहत मामलों की सुनवाई कर रही विशेष अदालत की न्यायाधीश आर एन मंजुला ने शनिवार को ये फैसला सुनाया। अदालत तीन फरवरी को सजा का ऐलान करेगी।
जुलाई 2018 में अयानवरम के एक अपार्टमेंट परिसर में, सुनने में लाचार दिव्यांग 11 साल की बच्ची के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप में 17 आरोपियों को ऑल वीमेन पुलिस स्टेशन द्वारा गिरफ्तार किया गया था।
ये मामला तब सामने आया जब लड़की के माता-पिता ने उसे पेट में दर्द की शिकायत के बाद अस्पताल ले गए।
पुलिस शिकायत में कहा गया कि 15 जनवरी और 5 जुलाई के बीच अपार्टमेंट के कर्मचारियों द्वारा बच्ची के साथ रेप किया गया। नाबालिग जिस अपार्टमेंट में रहती थी वहीं सभी आरोपी सिक्योरिटी गार्ड, इलेक्ट्रीशियन और लिफ्ट ऑपरेटर का काम करते थे। बच्ची को कथित रूप से बेहोश की दवाइयां और नशीला पदार्थ मिलाकर कोल्ड ड्रिंक पिलाई जाती थीं।
पुलिस का कहना है कि उसे ब्लैकमेल भी किया जा रहा था। उन्होंने कथित तौर पर चाकू से बच्ची को धमकाया।
17 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने मामले में कम से कम 70 साक्ष्य प्रस्तुत किए।हालांकि ट्रायल के दौरान एक आरोपी की मौत हो गई थी। कड़ी सुरक्षा के बीच शनिवार को मद्रास उच्च न्यायालय परिसर में स्थित अदालत परिसर में आरोपियों को लाया गया।