INX मीडिया केस : सुप्रीम कोर्ट चिदंबरम की हिरासत को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को ही करेगा सुनवाई
LiveLaw News Network
2 Sept 2019 5:27 PM IST
INX मीडिया केस में सुप्रीम कोर्ट में उस समय उलट- फेर देखने को मिला जब सुबह आरोपी पूर्व केंद्रीय गृह और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने राउज एवेन्यू सीबीआई विशेष अदालत को यह निर्देश दिया कि वो सोमवार को ही चिदंबरम की अंतरिम जमानत की याचिका पर विचार करे और अगर इस पर फैसला नहीं होता या उन्हें जमानत नहीं मिलती तो चिदंबरम की सीबीआई हिरासत गुरुवार तक बढ़ जाएगी।
चिदंबरम सीबीआई हिरासत में सिर्फ 1 दिन और रह सकते हैं
लेकिन लंच के बाद सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि चिदंबरम की सीबीआई हिरासत मंगलवार से ज्यादा बढ़ाई नहीं जा सकती क्योंकि गिरफ्तारी के बाद 15 दिन खत्म हो रहे हैं। इसके बाद पीठ ने आदेश में संशोधन करते हुए तुषार मेहता को कहा कि वो ट्रायल कोर्ट में इसकी जानकारी दें और वो 1 दिन का रिमांड मांग सकते हैं। अब पीठ 5 सितंबर की जगह मंगलवार को ही मामले की सुनवाई करेगा।
जस्टिस आर. बानुमति और जस्टिस ए. एस. बोपन्ना ने सोमवार को चिदंबरम की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी और कोर्ट की हिरासत के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश जारी किए। पीठ ने कहा कि सीबीआई इस पर अपना जवाब दाखिल करे और पीठ 5 सितंबर को इस मामले की सुनवाई करेगी।
सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के तरीके पर सिब्बल ने जताई आपत्ति
इस दौरान चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उन्हें गलत तरीके से सीबीआई ने गिरफ्तार किया। आधी रात 12 बजे एक नोटिस चिपका दिया गया और 2 घंटे का समय दिया गया। ये किसी कानून का प्रावधान नहीं है।
सिब्बल ने यह कहा कि सुप्रीम कोर्ट में उनकी याचिका दाखिल हो गई थी और उस समय तक सीबीआई को इंतजार करना चाहिए था। ये पूरी गिरफ्तारी और सीबीआई हिरासत गैरकानूनी है।
सिब्बल का आग्रह, या अंतरिम जमानत या हाउस अरेस्ट का आदेश दिया जाए
जब पीठ ने कहा कि चिदंबरम नियमित जमानत के लिए आवेदन कर सकते हैं तो सिब्बल ने कहा कि उनकी हिरासत आज ही खत्म हो रही है। ऐसे में ट्रायल कोर्ट उन्हें न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज सकता है। इससे उनके अधिकार का हनन होगा। चिदंबरम 74 साल के हैं और आरोप वर्ष 2007 का है। सुप्रीम कोर्ट या तो उन्हें अतंरिम जमानत दे या गुरुवार तक हाउस अरेस्ट के आदेश जारी करे वरना उसकी ये यायिका निष्प्रभावी हो जाएगी।
अदालत से ट्रायल कोर्ट को निर्देश देने का किया गया आग्रह; अदालत ने अनुरोध किया अस्वीकार
पीठ ने कहा कि हाउस अरेस्ट तो राजनितिक मामलों में होती है। इस पर सिब्बल ने कहा कि कोर्ट, ट्रायल कोर्ट को यह आदेश दे कि फिलहाल उन्हें अंतरिम जमानत दे तब तक सुप्रीम कोर्ट इस याचिका पर फैसला ना दे।
लेकिन कोर्ट ने यह कहा कि वो इस तरह आदेश जारी नहीं कर सकते। इस दौरान सीबीआई की ओर से इसका विरोध किया गया कि ये मामला ट्रायल कोर्ट के अधिकारक्षेत्र में है। वो ही तय करेगा कि उन्हें राहत दी जाए या नहीं।
ट्रायल कोर्ट को आज ही अंतरिम जमानत याचिका पर करना होगा फैसला
लेकिन पीठ ने यह आदेश जारी किया कि आज ही ट्रायल कोर्ट चिदंबरम की अंतरिम जमानत याचिका पर फैसला करें और अगर फैसला नहीं हो पाए या ये जमानत ना मिले तो चिदंबरम की सीबीआई हिरासत गुरुवार तक बढ़ जाएगी।
लेकिन बाद में SG तुषार मेहता ने इसका विरोध किया और यह कहा कि तकनीकी तौर पर चिदंबरम को गुरुवार तक हिरासत नहीं दी जा सकती है। ऐसे में कोर्ट इस मामले की सुनवाई मंगलवार को ही करे क्योंकि मंगलवार को उनकी हिरासत की मियाद खत्म हो रही है। इस पर पीठ ने उन्हें ट्रायल कोर्ट में कोर्ट में ये बात रखने को कहा और सुनवाई मंगलवार को सूचीबद्ध कर दी।
चिदंबरम पर आरोप
आरोप है कि वर्ष 2007 में वित्त मंत्री रहते हुए चिदंबरम ने अपने बेटे कार्ति चिदंबरम के साथ जुड़ी कंपनियों के माध्यम से मीडिया हाउस से पारस्परिक लाभ लेकर INX द्वारा लगभग 305 करोड़ रुपये के विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को मंजूरी दी थी।सीबीआई और ईडी द्वारा क्रमशः वर्ष 2017 और 2018 में मामले दर्ज किए गए थे।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 20 अगस्त को अग्रिम जमानत के उनके आवेदन को खारिज कर दिया था। पीठ ने यह कहा था कि यह "मनी लॉन्ड्रिंग का क्लासिक मामला" है। चिदंबरम को कथित भ्रष्टाचार सौदे का "किंगपिन और प्रमुख साजिशकर्ता" बताया गया था।
इसके बाद सीबीआई के न्यायाधीश अजय कुमार कुहार ने 22 अगस्त को सीबीआई को 4 दिनों के लिए रिमांड की अनुमति दी और कहा कि आरोप "प्रकृति में गंभीर" हैं और मामले में "विस्तृत और गहन जांच आवश्यक" है। इसके बाद कोर्ट ने 2 बार और उनकी सीबीआई हिरासत को बढ़ाते हुए इसे 2 सितंबर तक कर दिया था।