सिब्बल ने कहा, हाईकोर्ट जज ने ED के नोट को कॉपी पेस्ट किया, सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम का अंतरिम सरंक्षण बढ़ाया

LiveLaw News Network

26 Aug 2019 4:46 PM IST

  • सिब्बल ने कहा, हाईकोर्ट जज ने ED के नोट को कॉपी पेस्ट किया, सुप्रीम कोर्ट ने चिदंबरम का अंतरिम सरंक्षण बढ़ाया

    पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम को राहत देते सोमवार को हुए सुप्रीम कोर्ट ने INX मीडिया FDI लेनदेन में कथित रूप से मनी लॉंड्रिंग के लिए प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दर्ज मामले में गिरफ्तारी से अंतरिम सरंक्षण बढ़ा दिया है।

    जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस ए एस बोपन्ना की पीठ ने एक लंबी सुनवाई के बाद आदेश पारित किया। ये सुनवाई करीब तीन घंटे चली और मंगलवार 12 बजे फिर शुरू होगी। दरअसल 23 अगस्त को इसी पीठ ने चिदंबरम को गिरफ्तारी से लेकर सोमवार तक के लिए अंतरिम संरक्षण दिया था।

    इससे पहले पीठ ने चिदंबरम द्वारा सीबीआई मामले के संबंध में दायर याचिका को इस आधार पर खारिज कर दिया कि उन्हें पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है और रिमांड पर लिया गया है। अदालत ने उन्हें नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जाने की स्वतंत्रता दी और कहा कि ट्रायल कोर्ट को उच्च न्यायालय के निष्कर्षों से प्रभावित हुए बिना आवेदन पर विचार करना चाहिए।

    चिदंबरम के लिए दलीलें

    चिदंबरम की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत से इनकार करने के लिए ईडी द्वारा प्रस्तुत सीलबंद कवर नोट में लगाए गए आरोपों पर भरोसा किया। चिदंबरम के पास उन आरोपों की कोई सूचना नहीं थी। जज ने सीलबंद कवर नोट में आरोपों को केवल "कॉपी पेस्ट" किया है। ईडी द्वारा दी गईं दलीलों को फैसले में निष्कर्ष के रूप में पारित किया गया है। यहां तक ​​कि उन निष्कर्षों में भी किसी को चिदंबरम और INX के बीच कोई लिंक नहीं मिलता।

    सिब्बल ने सवाल उठाया, " उच्च न्यायालय जज द्वारा विवेक का प्रयोग कहां किया गया जब पैराग्राफ, शब्द और कोमा के लिए भी शब्दों की नकल की गई है?" सॉलिसिटर जनरल ने नोट देने से इनकार किया और कहा कि केवल केस डायरी ही जज को सौंपी गई थी।

    सिब्बल ने कहा, '' अगर चिदंबरम के खिलाफ एफआईआर और गिरफ्तारी के बीच मिले दस्तावेज हैं तो उन्हें तलब किया जाना चाहिए था। '' उन्होंने कहा, "यह एक मीडिया ट्रायल बन गया है। जांच एजेंसियां ​​जमानत के लिए सुनवाई से ठीक पहले दस्तावेज लीक करती हैं।"

    ईडी ने चिदंबरम का उन दस्तावेजों के साथ सामना करने की जहमत नहीं उठाई जिनके बारे में उन्होंने दावा किया था। जब उनसे जून 6, 2018 को पूछताछ की गई तो उनसे उनके कथित विदेशी खातों के बारे में नहीं पूछा गया।आरोप यह है कि कार्ति ने FIPB के अधिकारियों को INX मीडिया द्वारा डाउनस्ट्रीम निवेश के लिए पूर्व मंजूरी देने के लिए प्रभावित करने की कोशिश की। बोर्ड के किसी भी सदस्य ने नहीं कहा कि कार्ति ने उनसे संपर्क किया था।

    सिब्बल ने कहा कि कार्ति को जमानत मिल गई है। पूरे मामले में एडवांटेज स्ट्रैटिजिज नामक कंपनी की बातचीत है। कार्ति न तो शेयरधारक हैं और न ही कंपनी के निदेशक हैं। ईडी ने हालांकि बिना किसी आधार के आरोप लगाया है कार्ति कंपनी को नियंत्रित कर रहे हैं।

    "ईडी का दावा है कि 3..5 करोड़ रुपये के फर्जी चालान कार्ति की कथित कंपनियों को भुगतान करने के लिए बनाए गए थे। पैसा कहां है?" लाख 10 लाख रुपये की एंट्री है और अगर, मान भी लिया जाए कि यह भुगतान किया गया था, तब भी, PMLA के तहत न्यूनतम राशि 30 लाख होनी चाहिए थी क्योंकि उस समय कानून में संशोधन नहीं हुआ था, " सिब्बल ने कहा।

    वरिष्ठ वकील ने दलील दी कि INX FDI की मंजूरी विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड द्वारा दी गई थी जिसमें छह सचिव शामिल थे। वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम ने इस प्रक्रिया में कोई भूमिका नहीं निभाई। उन्होंने सिर्फ इस मंजूरी पर हस्ताक्षर किए थे। जब भी उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया गया, चिदंबरम ने कभी 'ना ' नहीं कहा। ईडी जो भी सामग्री बरामद करने का दावा कर रही है, उसे उनके सामने रखना चाहिए। लेकिन ऐसा नहीं हुआ है।

    सिब्बल ने आगे कहा कि पीठ को यह जांच करनी चाहिए कि HC ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 438 के अपने अधिकार क्षेत्र का तहत समझदारी और सही तरीके से प्रयोग किया है या नहीं। गिरफ्तारी से अपमान और संकट जुड़ा है। जैसे ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जाता है, लोग मानने लगते ​​हैं कि वह दोषी है।

    उन्होंने कहा कि एजेंसी के पास भुगतान और शेल कंपनियों के इन सभी सवालों को पूछने के लिए 2 साल थे लेकिन उनसे कब पूछा गया ?

    सिब्बल ने कहा कि उनका आरोप है कि चिदंबरम सबूतों के साथ छेड़छाड़ कर सकते हैं। विदेशी संपत्ति या बैंक खातों में क्या छेड़छाड़ कर सकते हैं। उस मामले में, ऐसा करने के लिए, मेरे वास्तव में लंबे हथियार होने चाहिए। इस पर सॉलिटिर जनरल ने कहा - हां, यह मामला है। सिब्बल ने जवाब दिया -" यह आप हैं, जिनके बहुत लंबे हाथ हैं, यही वजह है कि मैं यहाँ हूँ और आप वहां हैं।"

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