छावला रेप-मर्डर केस: दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार याचिका पर तत्काल सुनवाई का किया अनुरोध, पुलिस ने कहा- रिहाई के बाद आरोपी ने एक और क्राइम दिया

Brij Nandan

8 Feb 2023 6:06 AM GMT

  • छावला रेप-मर्डर केस: दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार याचिका पर तत्काल सुनवाई का किया अनुरोध, पुलिस ने कहा- रिहाई के बाद आरोपी ने एक और क्राइम दिया

    दिल्ली के छावला इलाके में 2012 में 19 वर्षीय लड़की से सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा के तीन दोषियों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के खिलाफ दिल्ली पुलिस की पुनर्विचार याचिका का चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ के समक्ष उल्लेख किया गया।

    सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ ने आश्वासन दिया कि वह इस मामले की सुनवाई के लिए स्वयं, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस बेला त्रिवेदी की एक पीठ का गठन करेंगे और ओपन कोर्ट में मामले की सुनवाई करने पर भी विचार करेंगे।

    शुरुआत में, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपराध की क्रूरता पर प्रकाश डाला और कहा,

    "एक 18 साल की लड़की के साथ बलात्कार किया गया और फिर उसकी हत्या कर दी गई। निजी अंगों में वस्तुएं डाली गई थीं। दिल्ली उच्च न्यायालय और ट्रायल कोर्ट ने मौत की सजा सुनाई थी। इस अदालत ने उन्हें बरी कर दिया। हमने पुनर्विचार की मांग की। पुनर्विचार के बाद, आरोपियों में से एक किसी और का गला काट दिया। वे खूंखार अपराधी हैं। हम ओपन में सुनवाई का अनुरोध करते हैं।"

    उन्होंने आगे मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ की मांग की।

    सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,

    "ठीक है, हम एक पीठ का गठन करेंगे। मैं अपने साथ, जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस बेला त्रिवेदी के साथ एक पीठ का गठन करूंगा। हम ओपन कोर्ट के अनुरोध पर विचार करेंगे, मैं अपने साथी न्यायाधीशों से बात करूंगा।"

    पूरा मामला

    नवंबर 2022 में, सुप्रीम कोर्ट ने 2012 के छावला सामूहिक बलात्कार मामले में तीन लोगों को आरोपी बरी करने का आदेश पारित किया था। तीनों आरोपियों को पहले दिल्ली उच्च न्यायालय और निचली अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी।

    पूर्व मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस रवींद्र भट और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की खंडपीठ द्वारा सुनाए गए फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई है। खंडपीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के उस फैसले को रद्द कर दिया था, जिसमें तीन आरोपियों को 19 वर्षीय लड़की के बलात्कार और हत्या के लिए दोषी ठहराया गया था।

    तीनों आरोपियों राहुल, रवि और विनोद पर लड़की का अपहरण करने का आरोप लगाया गया, जब वह 9 फरवरी, 2012 को अपने कार्यस्थल से घर लौट रही थी। बाद में पुलिस को 14 फरवरी को हरियाणा के रेवाड़ी के पास लड़की का क्षत-विक्षत शव मिला, जिस पर कई घाव थे। पोस्टमॉर्टम में पता चला कि उस पर हमला किया गया, उसके साथ रेप किया गया और उसकी आंखों पर तेजाब डाला गया।


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