इशरत जहां कथित मुठभेड़ : इशरत की मां ने CBI कोर्ट को लिखी चिट्ठी, मजबूरी और बेबसी जताकर केस से बाहर हुईं
LiveLaw News Network
2 Oct 2019 6:59 PM IST
वर्ष 2004 में गुजरात पुलिस द्वारा एक कथित फर्जी मुठभेड़ में मारी गई इशरत जहां की मां शमीमा कौसर ने अहमदाबाद की सीबीआई अदालत को चिट्ठी लिखकर यह कहा है कि वो इंसाफ की लंबी लड़ाई लड़ने के बाद अब असहाय और निराश महसूस कर रही हैं, इसलिए वो इस मुकदमे में आगे नहीं लड़ पाएंगी। चिट्ठी में उन्होंने लिखा है, "मैं पूरी तरह से टूट चुकी हूं। मैंने लड़ने की इच्छा खो दी है, इसलिए अब मामले की सुनवाई में शामिल नहीं हो पाऊंगी।"
दरअसल विशेष CBI न्यायाधीश आर. के. चुडावाला की अदालत इस मामले में 4 आरोपी पुलिसकर्मियों द्वारा दायर आरोपमुक्त किए जाने की अर्जियों पर सुनवाई कर रही है। इनमें पुलिस महानिरीक्षक जी. एल. सिंघल, पूर्व डीएसपी तरूण बरोठ, पूर्व डिप्टी एसपी जे. जी. परमार और असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर अंजू चौधरी शामिल हैं।
इशरत समेत 4 आरोपियों को क्राइम ब्रांच ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था
गौरतलब है कि इशरत और 3 अन्य आरोपी जावेद शेख, अमजद अली अकबर अली राणा और जीशान जौहर को वर्ष 2004 में क्राइम ब्रांच ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने यह आरोप लगाया था कि वे चारों लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे और वो तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या करने की फिराक में थे।
शमीमा ने दी थी सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारियों की आरोपमुक्त करने की याचिका को चुनौती
इशरत जहां की माँ शमीमा ने अदालत में सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारियों डी. जी. वंजारा और एन. के. अमीन द्वारा दायर की गई आरोपमुक्त करने की याचिका को चुनौती दी थी, हालांकि मई में सीबीआई अदालत ने दोनों के खिलाफ सभी आरोपों को हटा दिया था।
अब इशरत जहां की मां ने सीबीआई अदालत को दिये गए पत्र में लिखा है, "न्याय की इतनी लंबी लड़ाई के बाद मैं निराश और बेबस महसूस करती हूं। मैं लड़ने के लिए अपनी इच्छा खो चुकी हूं और अब अदालत के समक्ष कार्यवाही में भाग नहीं ले सकती। 11 आरोपी पुलिस अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाना और पूर्ण न्याय को सुरक्षित करना और मेरी बेटी की हत्या की सच्चाई को उजागर करना सीबीआई का काम है।"
उन्होंने आगे कहा है, "15 से अधिक साल बीत गए लेकिन पुलिस अधिकारियों समेत सभी आरोपी जमानत पर हैं। गुजरात सरकार ने रिकॉर्ड पर मेरी बेटी के हत्यारों का समर्थन किया है। मुझे पता है कि आपराधिक साजिश के चलते मेरी बेटी की हत्या की गई थी। मुझे पता है कि मेरी बेटी न्याय की हकदार है। यह मेरी लड़ाई अकेले नहीं हो सकती है। अब CBI को यह देखना है कि दोषियों पर मुकदमा चलाया जाए और उन्हें सजा दी जाए।"