तीस हज़ारी अदालत परिसर में शनिवार को पुलिस और वकीलों के बीच हुई हिंसक झड़प के सम्बंध में केंद्रीय IPS एसोसिएशन ने हिंसा में शामिल वकीलों पर कार्रवाई की मांग की है। यह कहते हुए कि अदालतों को सभी पक्षों को "समान रूप से" व्यवहार करना चाहिए, केंद्रीय IPS एसोसिएशन ने मंगलवार को मांग की कि,
"सभी वकील जो हिंसा का हिस्सा थे, उनकी पहचान की जानी चाहिए और उनके लाइसेंस रद्द करने सहित उन पर उचित कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।"
हिंसा का हिस्सा रहे वकीलों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली पुलिस द्वारा मंगलवार को विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर बयान जारी किया गया था। सोमवार को अदालत परिसर में पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट करने वाले कुछ अधिवक्ताओं के वीडियो सोशल मीडिया में सामने आए थे।
यहां तक कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने भी दिल्ली के जिला बार एसोसिएशनों को संबोधित अपने पत्र में हिंसा के इस कृत्य की निंदा की और कहा कि दोषी अधिवक्ताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। कथित तौर पर इस संबंध में साकेत पुलिस स्टेशन में एक एफआईआर दर्ज की गई है।
हमलों की निंदा करते हुए, केंद्रीय IPS एसोसिएशन की आम सभा ने कहा कि,
"पुलिस कर्मी देश में किसी और के समान मानवाधिकारों के हकदार हैं और इनका पूरी तरह से बचाव किया जाना चाहिए।" एसोसिएशन ने आगे कहा, "न्यायालयों को सभी पक्षों के साथ समान व्यवहार करना चाहिए और न्याय प्रदान करना चाहिए।"
IPS एसोसिएशन का संकल्प 3 नवंबर को दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश का परिणाम हो सकता है, जिसके तहत उसने तीस हजारी कोर्ट परिसर में हुई इस झड़प के लिए दिल्ली पुलिस के दो पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने और दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के स्थानांतरण का निर्देश दिया, जबकि जिन वकीलों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी, उनके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं करने के निर्देश दिए गए।
उक्त आदेश रविवार, 3 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और न्यायमूर्ति सी हरिशंकर की खंडपीठ द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर की गई सुनवाई में पारित किया गया था। शनिवार को तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिस अधिकारियों और वकीलों के बीच एक पार्किंग को लेकर झड़प हुई।
उच्च न्यायालय ने सीबीआई, सतर्कता और आईबी की सहायता से, दिल्ली उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति एसपी गर्ग की अध्यक्षता में घटना की न्यायिक जांच का आदेश दिया था और छह सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया था।