अफसरों व बिल्डरों की सांठगांठ : सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के FIR दर्ज करने के फैसले पर रोक लगाई

LiveLaw News Network

25 Sep 2019 11:02 AM GMT

  • अफसरों व बिल्डरों की सांठगांठ : सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे  हाईकोर्ट के FIR दर्ज करने के फैसले पर रोक लगाई

    सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के उस फैसले पर रोक लगा दी है जिसमें बिल्डरों के साथ कथित सांठ गांठ के चलते महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) अधिकारियों पर FIR दर्ज करने के आदेश जारी किए गए थे। म्हाडा की अपील पर सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस आर. एफ. नरीमन की पीठ ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने के साथ-साथ नोटिस भी जारी किया है।

    क्या था बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला

    दरअसल 18 सितंबर को एक महत्वपूर्ण फैसले में बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को वर्ष 2016 की उस शिकायत पर 5 दिनों के भीतर FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था जिसमें दोषी डेवलपर्स और म्हाडा अधिकारियों के बीच 'सांठगांठ' के चलते वर्ष 1991 से राज्य के खजाने को 40,000 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था।

    सूचना RTI कार्यकर्ता की जनहित याचिका पर आया था यह फैसला

    जस्टिस एस. सी. धर्माधिकारी और जस्टिस एस. के. शिंदे की पीठ ने वर्ष 2017 में सूचना आरटीआई कार्यकर्ता कमलाकर शेनॉय द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर फैसला सुनाया। इस जनहित याचिका में डेवलपर्स और महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवलपमेंट अथॉरिटी (म्हाडा) अधिकारियों के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया गया और कहा गया था कि राज्य के कोष को 40,000 करोड़ रुपए का अवैध नुकसान हुआ, जिसका कारण डिफॉल्ट करने वाले बिल्डरों द्वारा लगभग 1.37 लाख वर्ग मीटर के बिक्री योग्य क्षेत्र का सरप्लस एरिया सरेंडर न करना था, जो क्षेत्र ओवल मैदान से 3 गुना अधिक है।

    हाईकोर्ट ने यह माना था कि जो सामग्री प्रस्तुत की गई है वो डिफ़ॉल्टर डेवलपर्स के साथ अधिकारियों के सकारात्मक या मौन सहमति को दर्शाता है और भारतीय दंड संहिता और अन्य दंड कानूनों के तहत दंडनीय और संज्ञेय अपराध के कमीशन का खुलासा करता है।

    हाईकोर्ट ने कहा कि एक बार डेवलपर को DCR 33 (7) के तहत भवनों को फिर से विकसित करने की अनुमति दी गई को म्हाडा के अधिकारी अपने वैधानिक दायित्वों के तहत थे, लेकिन इस मामले में मौजूद सामग्री ऑन रिकॉर्ड स्पष्ट रूप से यह इंगित करती है कि उन्होंने जानबूझकर इसकी अवेहलना की और राज्य को नुकसान पहुँचाया।

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