बॉम्बे हाईकोर्ट ने बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को जेजे अस्पताल से तलोजा जेल में ट्रांसफर करने के मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार किया

LiveLaw News Network

23 Jan 2021 4:40 AM GMT

  • बॉम्बे हाईकोर्ट ने बार्क के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता को जेजे अस्पताल से तलोजा जेल में ट्रांसफर करने के मामले में  हस्तक्षेप करने से इनकार किया

    Partho Das Gupta

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने शुक्रवार को टीआरपी स्कैम में आरोपी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के सीईओ पार्थो दासगुप्ता को जेजे अस्पताल से तलोजा सेंट्रल जेल में ट्रांसफर करने के मामले में हस्तक्षेप करने और राहत देने से इनकार कर दिया।

    दलील में दासगुप्ता के वकील अर्जुन सिंह ने शुक्रवार को कोर्ट से कहा कि,

    "दासगुप्ता के बीमार स्वास्थ्य को देखते हुए तलोजा जेल ट्रांसफर करने के बजाय उन्हें एक निजी अस्पताल में स्थानांतरित किया जाए या फिर या दो सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत दे दी जाए।"

    वकील अर्जुन सिंह ने दासगुप्ता को जेजे अस्पताल से एक स्ट्रेचर पर छुट्टी देने का एक वीडियो प्रस्तुत किया और तर्क दिया कि उन्हें अनफिट होने के बावजूद छुट्टी दे दी गई।

    शाम 7 बजे याचिका पर सुनवाई करने वाले जस्टिस पीडी नाइक ने लोक अभियोजक दीपक ठाकरे के आश्वासन के बाद हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। अभियोजक दीपक ने कहा कि सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है। तलोजा के चिकित्सा अधिकारी पहले दासगुप्ता की जांच करेंगे और किसी भी बिंदु पर यदि आवश्यक पाया गया, तो आरोपी को जेजे अस्पताल वापस ले जाया जाएगा।

    कोर्त ने दासगुप्ता की जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए सोमवार को सूचिबद्ध किया और राज्य को निर्देश दिया कि वह सुनवाई के समय अपने सभी मेडिकल रिकॉर्ड प्रस्तुत करें।

    दासगुप्ता को 15 जनवरी को जेजे अस्पताल में स्थानांतरित किया गया था। आईआईएम कलकत्ता से स्नातक पार्थो दासगुप्ता जून 2013 और नवंबर 2019 के बीच ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (BARC) के सीईओ थे। क्राइम ब्रांच द्वारा उन पर धारा 409 (एक लोक सेवक के भरोसे का आपराधिक उल्लंघन), 420 ( भारतीय दंड संहिता की धोखाधड़ी) के तहत मुकदमा चलाया गया था।

    दासगुप्ता पर आरोप है कि उन्होंने रिपब्लिक टीवी के अधिकारियों के साथ मिलकर टीआरपी रेटिंग्स में हेरफेर किया है और इस सप्ताह के शुरू में सेशन कोर्ट द्वारा उनकी जमानत अर्जी खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।


    Next Story