सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस रवींद्र भट की खंडपीठ छत्तीसगढ़ एनएएन घोटाला मामले की सुनवाई करेगी
Sharafat
21 Nov 2022 12:27 PM IST
जस्टिस एमआर शाह के समक्ष छत्तीसगढ़ एनएएन घोटाला मामले को सूचीबद्ध करने के संबंध में उठाई गई आपत्तियों के बीच भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सोमवार को कहा कि वे खुद, जस्टिस अजय रस्तोगी और जस्टिस एस रवींद्र भट की पीठ इस मामले की सुनवाई करेगी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित (जो इस मामले की सुनवाई कर रहे 3-न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे) की सेवानिवृत्ति के बाद जस्टिस एमआर शाह की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को सूचीबद्ध किए जाने पर छत्तीसगढ़ राज्य ने आपत्ति जताई थी। राज्य ने एक दलील दी कि इस मामले को पिछली पीठ के अन्य दो शेष सदस्यों - जस्टिस रस्तोगी या जस्टिस भट की पीठों के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने पिछले शुक्रवार (18 नवंबर) को जब उनके सामने इस मामले का उल्लेख किया था तो उन्होंने कहा था कि अदालत की सामान्य प्रथा के अनुसार पीठासीन न्यायाधीश की सेवानिवृत्ति के बाद मामले को अगले उपलब्ध न्यायाधीशों के समक्ष सूचीबद्ध किया जाना चाहिए।
सीजेआई ने यह भी कहा कि वह रजिस्ट्री से सत्यापित करेंगे कि क्या जस्टिस एमआर शाह की पीठ को मामले को सौंपने के लिए उनके पूर्ववर्ती द्वारा कोई विशेष निर्देश दिया गया था।
जब इस मामले का फिर से उल्लेख किया गया तो सीजेआई ने स्पष्ट किया कि हालांकि उन्होंने इसे जस्टिस रस्तोगी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया, लेकिन जस्टिस एमआर शाह की पीठ के समक्ष इसे सूचीबद्ध करने का एक पूर्व आदेश था। सीजेआई ने उन परिस्थितियों के बारे में भी बताया जिसके तहत उन्होंने मामले को जस्टिस रस्तोगी की पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का आदेश पारित किया।
मुख्य न्यायाधीश ने सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल (जो छत्तीसगढ़ राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं) से कहा, "जब आपने इसका उल्लेख किया, तो मेंशनिंग स्लिप में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस हेमा कोहली के अंतिम आदेश को छोड़कर सभी आदेशों का उल्लेख किया गया था। इसलिए पहले के आदेश जस्टिस रस्तोगी और जस्टिस रवींद्र भट के थे तो मैंने दूसरे आदेश पर (जस्टिस रस्तोगी के समक्ष सूचीबद्ध करने के लिए) उस पर अमल किया। अब एक पहले का आदेश है ... जब यह जस्टिस एमआर शाह के समक्ष आया तो इसे जस्टिस एमआर शाह के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश था। मैं जो कर सकता हूं वह यह है। पहले इस मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश अपने दो सहयोगियों के साथ कर रहे थे। मैं निर्देश दूंगा कि इसे दो सहयोगियों के साथ मेरे सामने रखा जाए।"
भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुझाव दिया कि जस्टिस रस्तोगी और जस्टिस भट की बेंच को तोड़ने के बजाय सीजेआई की नियमित बेंच मामले की सुनवाई कर सकती है।
सीजेआई ने इस पर कहा कि चूंकि अन्य जज पहले से ही इस मामले से परिचित हैं, इसलिए उन्हें बेंच में शामिल करना उचित है।
सीजेआई ने कहा कि वह मामले को गैर-विविध दिन दोपहर 2 बजे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करेंगे।