शिवसेना पार्षद हत्याकांड : बॉम्बे हाईकोर्ट ने माफिया डॉन अरुण गवली की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

Sharafat Khan

10 Dec 2019 4:58 AM GMT

  • शिवसेना पार्षद हत्याकांड : बॉम्बे हाईकोर्ट ने माफिया डॉन अरुण गवली की उम्रकैद की सजा बरकरार रखी

    बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को माफिया डॉन अरुण गवली को दी गई आजीवन कारावास की सजा को बरकरार रखा है। न्यायमूर्ति बी पी धर्माधिकारी और न्यायमूर्ति स्वप्ना जोशी की पीठ ने महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण कानून ( मकोका ) के तहत निचली अदालत द्वारा 2012 में दी गई सजा की पुष्टि की है।

    पूर्व विधायक गवली के साथ ही इस अपराध में शामिल उसके कुछ अन्य आरोपियों की सजा की भी पुष्टि की गई है। माफिया डॉन अरुण गवली तब से जेल में है। फिलहाल वो नागपुर सेंट्रल जेल में बंद है।

    2012 में विशेष मकोका अदालत ने गवली को उम्रकैद की सजा सुनाते हुए उस पर 17 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। भुगतान करने में असफल रहने पर उसे तीन साल की जेल और काटनी होगी। विशेष अदालत ने इस मामले में नौ अन्य लोगों को भी आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

    घर में घुसकर हत्या की

    गौरतलब है कि कुछ हमलावरों ने मार्च, 2008 को शिवसेना पार्षद कमलाकर जमसांडेकर के घाटकोपर स्थित घर में घुसकर उनकी हत्या कर दी थी। दो महीने के बाद गवली को गिरफ्तार कर लिया गया।

    अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि अरुण गवली और 10 अन्य आरोपियों ने जमसांडेकर को खत्म करने के लिए 30 लाख रुपये की सुपारी ली थी। जमसांडेकर 2007 के बृहन्मुंबई नगर निगम चुनावों में विजयी रहे थे और उनकी कुछ स्थानीय बिल्डरों के साथ कथित व्यावसायिक प्रतिद्वंद्विता थी। 21 मई 2008 को गवली को गिरफ्तार किया गया जबकि अक्टूबर 2010 में उसके खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और अन्य धाराओं के तहत आरोप तय किए गए। अभियोजन पक्ष ने गवली के लिए मृत्युदंड की मांग की थी। इस बीच गवली विधायक भी बना लेकिन मई 2008 में जमसांडेकर की हत्या के मामले में उसे गिरफ्तार कर लिया गया और वह तभी से जेल में है।

    Tags
    Next Story