'मनमाना': सुप्रीम कोर्ट ने एम्स को COVID-19 के कारण INI CET 2021 को एक महीने के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया
LiveLaw News Network
11 Jun 2021 8:15 AM GMT
![मनमाना: सुप्रीम कोर्ट ने एम्स को COVID-19 के कारण INI CET 2021 को एक महीने के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया मनमाना: सुप्रीम कोर्ट ने एम्स को COVID-19 के कारण INI CET 2021 को एक महीने के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2021/06/11/750x450_394833-aiims-inicet.jpg)
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) को COVID-19 की स्थिति को देखते हुए INI CET 2021 की परीक्षा को कम से कम एक महीने के लिए स्थगित करने का निर्देश दिया है।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति एमआर शाह की खंडपीठ 16 जून 2021 को राष्ट्रीय महत्व संयुक्त प्रवेश परीक्षा (INI CET 2021) के आयोजन को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी। याचिका में AIIMS, JIPMER और NIMHANS सहित देश की प्रमुख सरकारी चिकित्सा संस्थान द्वारा संस्थानों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए आयोजित की जा रही परीक्षा को स्थगित करने के निर्देश मांग की गई थी।
पीठ ने दो याचिकाओं पर सुनवाई की - पहली 23 एमबीबीएस डॉक्टरों के एक समूह द्वारा दायर की गई और दूसरी इंडिया मेडिकल एसोसिएशन, मेडिकल स्टूडेंट नेटवर्क (छत्तीसगढ़ चैप्टर) द्वारा वर्तमान में COVID-19 ड्यूटी में सेवारत 35 डॉक्टरों द्वारा 16 जून, 2021 को आयोजित होने वाली INI CET 2021परीक्षा को स्थगित करने और इसके संबंध में कम से कम एक महीने का नोटिस देने का निर्देश दिए जाने की मांग वाली याचिका थी।
याचिकाकर्ताओं ने एम्स द्वारा 27 मई, 2021 को जारी नोटिस को रद्द करने की मांग की, जिसमें अधिसूचित किया गया था कि INI CET 2021 16 जून को आयोजित किया जाएगा।
याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अरविंद दातार ने कहा कि यह डॉक्टरों के जीवन के अधिकार और व्यवसाय के अधिकार को प्रभावित करने वाला मामला है। एडवोकेट दातार ने पीठ को प्रधानमंत्री द्वारा एमबीबीएस डॉक्टरों से COVID-19 ड्यूटी में शामिल होने की अपील और नीट परीक्षा को स्थगित करने के उनके द्वारा दिए गए आश्वासन के बारे में बताया। मई में होने वाली NEET की परीक्षाएं भी अगस्त तक के लिए टाल दी गई हैं। दातार ने पूछा कि फिर INI CET 2021 को भी स्थगित क्यों नहीं किया जा सकता।
एडवोकेट दातार ने आगे कहा कि,
"हमने राज्य सरकार के साथ बांड पर हस्ताक्षर किए हैं और हम बिना नोटिस के नहीं जा सकते हैं। CA, NCLAT आदि सभी परीक्षाएं रद्द या स्थगित कर दी गई हैं। मेरा सुझाव है कि इसे NEET PG के साथ आयोजित किया जा सकता है, क्योंकि अधिकांश छात्र दोनों परीक्षाओं में बैठते हैं।"
जस्टिस शाह ने एम्स के वकील से पूछा कि,
''जब NEET की परीक्षा स्थगित कर दी गई है तो ये परीक्षा क्यों नहीं स्थागित की जा सकती?''
न्यायमूर्ति बनर्जी ने सुझाव दिया कि,
"कम से कम उन्हें एक महीने का नोटिस दें।"
एम्स के वकील दुष्यंत पाराशर ने पीठ को बताया कि मई में प्रॉस्पेक्टस जारी किया गया था और उम्मीदवारों को 1 मई से आयोजित होने वाली परीक्षा के बारे में पता था। एम्स के वकील ने तर्क दिया कि यदि परीक्षाएं स्थगित कर दी जाती हैं, तो डॉक्टरों की कमी होगी।
एम्स के वकील ने पीठ से कहा कि INI CET परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाती है और अगर याचिकाकर्ताओं को जून की परीक्षा में शामिल होने में कोई कठिनाई होती है, तो वे अक्टूबर-नवंबर में होने वाली अगली परीक्षा में शामिल हो सकते हैं।
एम्स के वकील ने आगे कहा कि 32 राज्यों में परीक्षा की व्यवस्था की तैयारी हो चुकी है। उन्होंने आगे कहा कि देश के कई हिस्सों में COVID-19 की स्थिति में सुधार हुआ है।
पीठ ने जोर देकर कहा कि परीक्षाओं को कम से कम एक महीने के लिए टाल दिया जाना चाहिए। हालांकि एम्स के वकील ने निर्देश प्राप्त करने के लिए सोमवार तक का समय मांगा, लेकिन पीठ ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह परीक्षा की तारीख के बहुत करीब है। पीठ चाहती थी कि वकील आज ही निर्देश के साथ वापस आएं और मामले को दोपहर 12.30 बजे तक के लिए टाल दिया गया था।
एम्स के वकील ने जब इस मामले की सुनवाई फिर से दोपहर 12.30 बजे शुरू हुई तो यह कहकर पीठ को समझाने की कोशिश की कि सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नीट परीक्षा को स्थगित करने से इनकार कर दिया था, लेकिन पीठ इस दलील से प्रभावित नहीं हुई।
न्यायमूर्ति शाह ने कहा कि,
"उसके बाद हालात बदल गए हैं। अब हम महामारी की दूसरी लहर का सामना कर रहे हैं।"
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि एम्स इस बात को ध्यान में रखने में विफल रहा है कि वर्तमान में कई छात्र COVID-19 ड्यूटी में तैनात हैं और परीक्षा में बैठने के लिए उन्हें ड्यूटी छोड़ने की आवश्यकता होगी और ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात डॉक्टरों के लिए परीक्षा सेंटर तक आना एक बोझिल प्रक्रिया होगी।
याचिकाकर्ताओं ने आगे तर्क दिया कि आक्षेपित नोटिस न केवल मनमाना है, बल्कि छात्रों के जीवन, सुरक्षा और स्वास्थ्य की पूर्ण अवहेलना के रूप में भी जारी किया गया है। आगे कहा कि परीक्षा का आयोजन नीट को स्थगित करते हुए जारी प्रधानमंत्री के बयान की भावना के खिलाफ है।
याचिकाकर्ताओं ने कहा कि परीक्षा आयोजित करने के निर्णय से केवल 18 दिन पहले सूचित किया गया है और इसलिए परीक्षा की तैयारी के लिए उनके पास शायद ही कोई समय बचा हो।
याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि INI CET 2021 परीक्षा की अचानक घोषणा ने उन्हें अत्यधिक मानसिक दबाव में डाल दिया है और इस स्तर पर परीक्षा आयोजित करने से न केवल परीक्षार्थी बल्कि अन्य डॉक्टर और उनके परिवार के सदस्य भी बुरी तरह प्रभावित होंगे।
आईएनआई सीईटी देश के प्रमुख सरकारी चिकित्सा संस्थानों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा है, जिसमें एम्स, जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (JIPMER) पुडुचेरी और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो-साइंसेज (NIMHANS) शामिल हैं।
INI-CET लगभग 800 सीटों पर प्रवेश को नियंत्रित करता है जिसके लिए 80,000 से अधिक उम्मीदवार उपस्थित होते हैं।
यह ध्यान दिया जा सकता है कि स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा, या NEET PG 2021 को मई की शुरुआत में चार महीने के लिए स्थगित कर दी गई थी।