अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए आरोपी को अंतरिम संरक्षण नहीं दिया जा सकता : सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के स्व-विरोधाभासी आदेश से 'आश्चर्यचकित'
Sharafat
26 July 2023 12:31 PM

सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए उन्हें अंतरिम सुरक्षा देने के हाई कोर्ट के निर्देश को रद्द कर दिया।
जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस जेबी पारदीवाला की पीठ ने कहा कि हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के विद्वान एकल न्यायाधीश द्वारा पारित आदेश को देखकर आश्चर्यचकित हैं।
इस मामले में हाईकोर्ट ने आरोपी द्वारा दायर अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करते हुए निर्देश दिया कि दो महीने की अवधि तक प्रतिवादी के खिलाफ कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाया जाएगा।
कोर्ट ने कहा,
"इस प्रकार यह स्पष्ट है कि हाईकोर्ट द्वारा स्व-विरोधाभासी आदेश पारित किए गए हैं। एक तरफ, अग्रिम जमानत के लिए आवेदन खारिज कर दिया गया है और दूसरी तरफ, दो महीने की अवधि के लिए अंतरिम संरक्षण दिया गया है। "
2021 में सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने [ नीहारिका इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड में। लिमिटेड बनाम महाराष्ट्र राज्य ] ने माना था कि हाईकोर्ट सीआरपीसी की धारा 482 और/या भारत के संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत रद्द करने की याचिका को खारिज/निपटान करते समय, जांच के दौरान या जांच पूरी होने तक और/या धारा 173 सीआरपीसी के तहत अंतिम रिपोर्ट/चार्जशीट दाखिल होने तक गिरफ्तारी नहीं करने और/या "कोई कठोर कदम नहीं उठाने" का आदेश पारित नहीं करेगा।
मामले का विवरण
उत्तर प्रदेश राज्य बनाम मोहम्मद अफ़ज़ल | 2023 लाइव लॉ (एससी) 566 | 2022 की एसएलपी (सीआरएल.) नंबर 6740