एआईबीई कैंडिडेट का दावा, परिणामों की घोषणा में देरी वकील के रूप में प्रैक्टिस करने के उसके अधिकार को खतरे में डाल रही है, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
Sharafat
25 April 2023 7:37 PM IST
बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) द्वारा 17वीं अखिल भारतीय बार परीक्षा (एआईबीई) के परिणाम घोषित करने में देरी से व्यथित एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
17वीं एआईबीई 5 फरवरी 2023 को पूरे भारत में आयोजित की गई थी, लेकिन ढाई महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद परिणाम अभी तक घोषित नहीं किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि बीसीआई द्वारा देरी "याचिकाकर्ता के वकील के रूप में प्रैक्टिस करने के अधिकार को खतरे में डाल रही है और उसकी आजीविका को प्रभावित कर रही है।"
याचिकाकर्ता ने याचिका में कहा,
“जीविका का अधिकार भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत जीवन के अधिकार के पहलुओं में से एक है। यदि व्यक्ति अपनी आजीविका के लिए कमाने में असमर्थ है तो उसका जीवन दयनीय हो जाएगा और इसलिए 19(1)(जी) में निहित पेशे की प्रैक्टिस करने के अधिकार का प्रयोग करते हुए पेशे में संलग्न होकर कमाने के अधिकार को कम नहीं किया जा सकता या अनुचित रूप से प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता।"
याचिकाकर्ता ने बीसीआई को बिना किसी और देरी के परीक्षा का परिणाम घोषित करने का निर्देश देने की मांग की है, क्योंकि परिणाम घोषित करने में अत्यधिक देरी का कोई औचित्य नहीं है।
परीक्षा के दिन बीसीआई ने अपनी वेबसाइट पर प्रोविज़नल आंसर की जारी की थी। हालांकि, 20 अप्रैल 2023 को ढाई महीने से अधिक समय के बाद बीसीआई ने फाइनल आंसर की के साथ एक अधिसूचना जारी की। 20 अप्रैल को जारी अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि परिणाम जल्द ही घोषित किए जाएंगे, लेकिन इसके लिए कोई तिथि निर्धारित नहीं की गई।
याचिकाकर्ता का तर्क है कि अखिल भारतीय बार परीक्षा नियम, 2010 के अनुसार, जब तक वह एआईबीई पास नहीं कर लेतीं, तब तक उसे किसी वादी की ओर से वकालतनामा दायर करने या वकील के रूप में शामिल होने की अनुमति नहीं है।
"याचिकाकर्ता ने 12.07.2022 को दिल्ली बार काउंसिल में इनरोल किया गया था और 9 महीने से अधिक समय बीत चुका है, लेकिन वह प्रैक्टिस शुरू नहीं कर पाई है और परिणाम के लिए हर प्रतिदिन इंतजार कर रही है।"