सुप्रीम कोर्ट ने बौद्धों को गया के महाबोधि महाविहार का प्रबंधन सौंपने की याचिका खारिज की, हाईकोर्ट जाने की दी अनुमति
Amir Ahmad
30 Jun 2025 1:02 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार (30 जून) को बोधगया बिहार स्थित महाबोधि महाविहार का प्रबंधन बौद्ध समुदाय को सौंपने की मांग वाली रिट याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।
याचिका में बोधगया मंदिर अधिनियम, 1949 को भी चुनौती दी गई थी, जिसके तहत मंदिर का प्रबंधन एक प्रबंधन समिति द्वारा किया जाता है। इसमें चार बौद्ध, चार हिंदू और एक जिला कलेक्टर शामिल होते हैं।
जस्टिस एम. एम. सुंदरेश और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की आंशिक कार्यदिवस खंडपीठ ने याचिका खारिज करते हुए याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की छूट दी।
खंडपीठ ने कहा,
"हम अनुच्छेद 32 के तहत याचिका पर विचार करने के इच्छुक नहीं हैं। हालांकि याचिकाकर्ता को हाईकोर्ट जाने की स्वतंत्रता है।"
यह याचिका पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री और अधिवक्ता सुलेखा कुंभारे द्वारा दायर की गई थी।
याचिका में कहा गया कि जब तक बोधगया मंदिर अधिनियम के तहत मंदिर का प्रबंधन बौद्धों को नहीं सौंपा जाता, तब तक उनके अनुच्छेद 25, 26 और 29 के तहत मौलिक अधिकारों का हनन होता रहेगा।
महाबोधि मंदिर जिसे यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया, वही स्थान है जहां माना जाता है कि भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
टाइटल: सुलेखाताई नलिनीताई नारायणराव कुंभारे बनाम भारत संघ | डाइरी नंबर

