अब्दुल्ला आजम खान ने नाबालिग होने का दावा करते हुए दोषसिद्धि को निलंबित करने की मांग की, सुप्रीम कोर्ट ने जन्म तिथि पर जिला न्यायाधीश से रिपोर्ट मांगी

Sharafat

27 Sept 2023 9:18 AM IST

  • अब्दुल्ला आजम खान ने नाबालिग होने का दावा करते हुए दोषसिद्धि को निलंबित करने की मांग की,  सुप्रीम कोर्ट ने जन्म तिथि पर जिला न्यायाधीश से रिपोर्ट मांगी

    सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (26.09.2023) को एक मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने की याचिका पर सुनवाई करते हुए जिला न्यायाधीश, रामपुर को समाजवादी पार्टी के नेता मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान की जन्म तिथि के संबंध में एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। अब्दुल्ला आजम खान को उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था।

    इस साल फरवरी में खान को पंद्रह साल पहले अपने पिता के साथ आयोजित धरने के दौरान एक अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था। आरोप है कि पुलिस द्वारा जांच के लिए उनके वाहन को रोके जाने के बाद उन्होंने यातायात अवरुद्ध कर दिया था। ट्रायल कोर्ट ने आईपीसी की धारा 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिए हमला या आपराधिक बल) के तहत अपराध के लिए दो साल की कैद की सजा सुनाई। खान का मामला यह है कि घटना के समय वह एक किशोर (15 वर्ष का) थे और केवल अपने पिता के साथ गए थे।

    14 अप्रैल को इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दोषसिद्धि पर रोक लगाने की उनकी याचिका खारिज करने के बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

    जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस एमएम सुंदरेश की पीठ ने अपने आदेश में कहा,

    “यह मानते हुए कि याचिकाकर्ता की जन्मतिथि रिट में उठाए गए मुद्दों पर सटीक विचार के लिए प्रासंगिक है। उस पहलू पर उचित खोज आवश्यक है, इसलिए याचिकाकर्ता की सही जन्मतिथि से संबंधित प्रश्न विद्वान जिला न्यायाधीश, रामपुर को भेजा जाता है, जो किशोर न्याय अधिनियम के अनुसार उस पहलू पर निष्कर्ष निकालने के लिए पक्षकारों को अवसर प्रदान करेंगे और मामले में आगे विचार के लिए अपना निष्कर्ष यहां भेजेंगे।”

    सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने खान की ओर से पेश होते हुए दलील दी,

    "इस न्यायालय का एक निर्णय है, जो कहता है कि मेरी उम्र 25 वर्ष से कम है। राज्य ने हाईकोर्ट में एक स्थिति रखी कि मेरा जन्म 1993 में हुआ था। अब राज्य अपनी रुख कैसे बदल सकता है?" मैं उस आधार पर अपना चुनाव हार गया, अब मुझ पर मुकदमा चलाया जा रहा है। उनकी तीसरी जन्मतिथि नहीं हो सकती। मेरी मां ने कहा कि मेरा जन्म अमुक तारीख को हुआ था और जिस डॉक्टर ने बच्चे को जन्म दिया उसने कहा कि मैं इस दिन पैदा हुआ था।''

    पिछली सुनवाई में खान की ओर से दलील दी गई थी कि शीर्ष अदालत ने अपने हालिया फैसले में अब्दुल्ला खान की उम्र पर राय दी है। सिब्बल चुनाव की तारीख पर न्यूनतम योग्यता आयु प्राप्त नहीं करने के लिए पूर्व विधायक (2017-22 विधानसभा कार्यकाल में) की अयोग्यता को बरकरार रखने के लिए नवंबर 2022 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले का जिक्र कर रहे थे। सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताई गई उम्र के अनुसार, 15 साल पहले अपराध करने की तारीख पर खान किशोर (15 वर्ष) थे।

    दलील दी गई कि ट्रायल कोर्ट को सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से अवगत करा दिया गया था। उसी के आधार पर नाबालिग होने की दलील दी गई। हालांकि, ट्रायल कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका खारिज कर दी कि इस संबंध में खान द्वारा पर्याप्त दस्तावेज पेश नहीं किए गए थे।

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