पुदुचेरी सरकार Vs LG : सरकार के 21 जून तक वित्त व भूमि संबंधी फैसले लेने पर रोक जारी रहेगी, सुप्रीम कोर्ट की नसीहत, रस्साकसी छोड़ दें
Live Law Hindi
21 Jun 2019 2:14 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि पुदुचेरी कैबिनेट के वित्तीय मामलों को प्रभावित करने वाले फैसलों को लागू नहीं किया जा सकता। पीठ ने शुक्रवार को कहा कि वित्तीय मामलों पर असर डालने वाले 7 जून के कैबिनेट के फैसलों पर रोक लगाने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला फिलहाल जारी रहेगा। पीठ अब सभी मुद्दों पर 10 जुलाई को सुनवाई करेगी।
चावल के वितरण को जारी रखने की मांगी गई अनुमति
पुदुचेरी सरकार के मुताबिक, गरीबों को 20 किलो चावल के वितरण को जारी रखने के लिए कैबिनेट के फैसले को जारी रखने की अनुमति दी जाए।
केंद्र ने किया अनुमति दिए जाने का विरोध
लेकिन केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया और कहा कि इस फैसले का भारी वित्तीय प्रभाव पड़ेगा। इसके बड़े वित्तीय निहितार्थ होंगे और नियमों के विपरीत होंगे क्योंकि मुफ्त चावल सिर्फ बीपीएल कार्ड धारकों को दिए जा रहे हैं, सभी को नहीं।
"एलजी और सरकार छोड़ दें रस्साकसी"
इस दौरान पीठ ने यह कहा कि एलजी और सरकार अपने बीच रस्साकसी को छोड़ दें। इस मामले को अब 10 जुलाई से नियमित आधार पर सुना जा जाएगा।
अदालत ने फैसलों को लागू करने पर लगाई थी रोक
गौरतलब है कि 4 जून को सुप्रीम कोर्ट ने पुदुचेरी सरकार सरकार को यह निर्देश दिया था कि वो 7 जून को कैबिनेट की बैठक तो कर सकती है, लेकिन इस दौरान सुनवाई की अगली तारीख तक वित्त व भूमि ट्रांसफर संबंधी फैसलों को लागू नहीं कर सकती है।
"प्रशासक सरकार के दिन-प्रतिदिन के मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। मंत्रिपरिषद और मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया निर्णय सचिवों और अन्य अधिकारियों के लिए बाध्यकारी है," उच्च न्यायालय ने अपने फैसले में यह कहते हुए जोड़ा कि प्रशासक के पास इस मुद्दे को नियंत्रित करने वाले संवैधानिक सिद्धांतों और संसदीय कानूनों को नकारने वाले प्रशासन को चलाने का कोई कोई विशेष अधिकार नहीं है।
यह याचिका 4 जुलाई, 2018 के सुप्रीम कोर्ट के संविधान पीठ के फैसले के मद्देनजर दायर की गई थी, जिसमें प्रशासन के मामलों में उपराज्यपाल पर दिल्ली की चुनी हुई सरकार की प्रमुखता को बरकरार रखा गया था।