मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम मामला : सुप्रीम कोर्ट ने TISS को यौन शौषण पीड़िता बच्चियों के पुनर्वास की योजना बनाने को कहा

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18 July 2019 11:53 AM GMT

  • मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम मामला : सुप्रीम कोर्ट ने TISS को यौन शौषण पीड़िता बच्चियों के पुनर्वास की योजना बनाने को कहा

    मुज़फ़्फ़रपुर शेल्टर होम मामले में गुरुवार को न्यायमूर्ति एन. वी. रमना की अगुवाई में सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TISS) के फील्ड एक्शन प्रोजेक्ट 'कोशिश' को शेल्टर होम की पीड़िता बच्चियों से बातचीत करने की अनुमति दे दी ताकि उनका पुनर्वास किया जा सके।

    न्यायमूर्ति एम. शांतनगौदर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने (TISS) से 4 सप्ताह के भीतर पीड़ितों के पुनर्वास की योजना दायर करने को कहा। इसके अलावा पीठ ने कहा कि पीड़ितों को तब तक सरकारी देखभाल से मुक्त नहीं किया जा सकता जब तक पुनर्वास योजना लागू नहीं होती।

    इस बीच केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहीं ASG पिंकी आनंद ने पीठ को यह बताया कि सरकार को राष्ट्रीय बाल संरक्षण नीति को अंतिम रूप देने के लिए 4 से 6 महीने की आवश्यकता है और उसे हितधारकों से इसकी मसौदा नीति के लिए 250 से अधिक सुझाव मिले हैं। TISS की ओर से पेश वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि आदर्श स्थिति यह होगी कि लड़कियां अपने परिवार के साथ ही रहें। इसमें मुख्य कार्य पीड़ितों की भलाई पर ध्यान देना है। इन बच्चों की मौजूदा स्थिति कमजोर है।

    याचिकाकर्ता सम्पूर्णा बेहूरा के लिए वरिष्ठ वकील एच. एस. फुल्का पेश हुए जबकि वकील अपर्णा भट मामले में एमिकस क्यूरी के रूप में पेश हुईं।

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