सुप्रीम कोर्ट ने बैन के आदेश पर TikTok की आपत्ति पर मद्रास हाई कोर्ट को मंगलवार को सुनवाई के लिए कहा

Live Law Hindi

15 April 2019 11:40 AM GMT

  • सुप्रीम कोर्ट ने बैन के आदेश पर TikTok की आपत्ति पर मद्रास हाई कोर्ट को मंगलवार को सुनवाई के लिए कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय को कहा है कि वो TikTok मोबाइल एप के एकपक्षीय बैन पर आपत्तियों पर बुधवार को विचार करे। इसके बाद चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की पीठ ने फिलहाल उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इनकार करते हुए इस मामले की अगली सुनवाई 23 अप्रैल को तय की है।

    दरअसल मद्रास उच्च न्यायालय के TikTok मोबाइल एप के डाउनलोड पर रोक लगाने के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है।

    बायटडांस (इंडिया) टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड जो इस मोबाइल एप्लिकेशन का मालिक है, ने मदुरै पीठ के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है जिसमें सरकार को एप पर बैन लगाने को कहा गया था।

    टिक टोक और उसपर बैन
    TikTok, जिसे पहले संगीत मंच (musical.ly) के रूप में जाना जाता था वो लघु रूप के मोबाइल वीडियो के लिए एक मंच है। यह हर किसी को अपने स्मार्टफ़ोन से सीधे निर्माता बनने का अधिकार देता है और उपयोगकर्ताओं को वीडियो के माध्यम से अपने जुनून और रचनात्मक अभिव्यक्ति को साझा करने के लिए प्रोत्साहित करके एक समुदाय के निर्माण के लिए प्रतिबद्ध है।

    पिछले साल जुलाई में इंडोनेशिया ने "अश्लील साहित्य, अनुचित सामग्री और ईश निंदा" के आरोपों के चलते इस एप पर प्रतिबंध लगा दिया था। बांग्लादेश ने भी कमोबेश इन्ही कारणों से एप पर रोक लगा दी थी।

    एस. मुथुकुमार द्वारा इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की याचिका पर विचार करते हुए न्यायमूर्ति एन. किरुबाकरन और न्यायमूर्ति एस. एस. सुंदर की खंडपीठ ने अधिकारियों से TikTok मोबाइल एप के डाउनलोड पर रोक लगाने का निर्देश दिया।

    पीठ ने मीडिया को TikTok मोबाइल एप का उपयोग करके बनाए गए वीडियो के प्रसारण से भी रोक दिया।

    पीठ ने कहा कि केंद्र सरकार अगर चाहे तो वह बच्चों को साइबर/ऑनलाइन शिकार बनने से रोकने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा अधिनियमित बाल ऑनलाइन गोपनीयता संरक्षण अधिनियम जैसा कानून ला सकती है।

    उच्च न्यायालय ने कहा, "खतरनाक पहलू यह है कि Tik Tok एप में भाषा और पोर्नोग्राफ़ी सहित अनुचित सामग्री पोस्ट की जा रही हैं। बच्चों के सीधे अजनबियों से संपर्क करने और उन्हें लुभाने की संभावना है। इस तरह के मोबाइल एप में शामिल खतरों को समझे बिना, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे बच्चे इन एप के साथ परीक्षण कर रहे हैं।"

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