सरकारी डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर दिशानिर्देश की मांग को लेकर दाखिल PIL पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार किया
Live Law Hindi
18 Jun 2019 7:59 AM GMT
![सरकारी डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर दिशानिर्देश की मांग को लेकर दाखिल PIL पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार किया सरकारी डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर दिशानिर्देश की मांग को लेकर दाखिल PIL पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार किया](https://hindi.livelaw.in/h-upload/2019/06/750x450_17doctors-strikejpg.jpg)
कोलकाता में डॉक्टरो पर हमले के विरोध में देश भर में डॉक्टरों के विरोध प्रदर्शन के बीच दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार कर दिया है। पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई नियमित पीठ करेगी और फिलहाल कोई निर्देश जारी करने की जरूरत नहीं है।
हालांकि याचिकाकर्ता वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने डॉक्टरों की सुरक्षा को लेकर कोई आदेश जारी करने का आग्रह किया लेकिन पीठ ने कहा कि सुरक्षा के मुद्दे पर बिना सभी पक्षकारों की राय जाने कोई निर्देश जारी नहीं किए जा सकते हैं।
दरअसल सोमवार को याचिकाकर्ता वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस सूर्य कांत की अवकाश पीठ के समक्ष इस याचिका को मेंशन किया और मामले में जल्द सुनवाई का आग्रह किया। पीठ ने सहमति जताते हुए कहा कि वो मंगलवार को इस पर सुनवाई करेंगे।
डॉक्टर पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की हुई थी मांग
वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने इस याचिका में देश भर के सभी सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। याचिका में यह भी कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट पश्चिम बंगाल सरकार को यह निर्देश दे कि वो कोलकाता मेडिकल कालेज में डॉक्टर पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई करे।
कलकत्ता HC ने डॉक्टरों द्वारा हड़ताल पर कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से किया था इनकार
वहीं कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बीते शुक्रवार को डॉक्टरों द्वारा हड़ताल पर कोई भी अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश टी. बी. एन. राधाकृष्णन और न्यायमूर्ति सुव्रा घोष की पीठ ने राज्य सरकार से हड़ताली डॉक्टरों को काम फिर से शुरू करने और रोगियों को सामान्य सेवाएं प्रदान करने के लिए बातचीत करने को कहा था। अदालत ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली पश्चिम बंगाल सरकार को यह निर्देश दिया था कि वह डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों से पीठ को अवगत कराए।