पूर्व IPS भारती घोष के WB में प्रवेश पर रोक नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने 14 मई को CID के सामने पेश होने के निर्देश दिए

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6 May 2019 5:03 AM GMT

  • पूर्व IPS भारती घोष के WB में प्रवेश पर रोक नहीं,  सुप्रीम कोर्ट ने 14 मई को CID के सामने पेश होने के निर्देश दिए

    पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव लड़ रही पूर्व IPS भारती घोष को राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राज्य सरकार की उस अर्जी को ठुकरा दिया जिसमें घोष को पश्चिम बंगाल में प्रवेश से रोकने की मांग की गई थी।

    भारती घोष होंगी सीआईडी के सामने पेश

    राज्य सरकार की अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस के. एम. जोसेफ की पीठ ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए 12 मई को मतदान होने के बाद 14 मई को भारती घोष कोलकाता में सीआईडी के सामने पेश होंगी और जांच में शामिल होंगी।

    गौरतलब है कि पीठ ने राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल के इस अनुरोध को भी स्वीकार कर लिया, जिसमें कहा गया था कि यदि घोष जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं करती तो इस मामले में सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच के सामने अर्जी दाखिल की जा सकती है।

    6 अप्रैल को राज्य सरकार ने दाखिल की थी याचिका

    इससे पहले 6 अप्रैल को पूर्व IPS भारती घोष को पश्चिम बंगाल में प्रवेश से रोकने के लिए राज्य सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने घोष को नोटिस जारी कर उनकी ओर से जवाब मांगा था। दरअसल घोष घाटल संसदीय क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार घोषित की गई हैं। उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सरंक्षण दे रखा है।

    जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस के. एम. जोसेफ की पीठ के सामने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि भारती अपने खिलाफ मामलों के गवाहों को प्रभावित कर रही हैं और वो क्षेत्र में अशांति फैला रही हैं इसलिए उनके राज्य में प्रवेश पर रोक लगाई जाए। वहीं घोष के वकील ने कहा कि ये कदम उन्हें चुनाव लड़ने से रोकने के लिए उठाया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में नोटिस जारी करने के बाद मामले की सुनवाई 15 अप्रैल को तय की थी।

    घोष ने SC से मांगा था संरक्षण

    इससे पहले 19 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार को यह निर्देश दिया था कि वो भारती घोष के खिलाफ किसी भी आपराधिक मामले में गिरफ्तारी या दंडात्मक कार्रवाई ना करे। पूर्व आइपीएस अधिकारी भारती घोष ने अपने खिलाफ दर्ज भ्रष्टाचार के नए मामलों में सुप्रीम कोर्ट से पश्चिम बंगाल पुलिस की संभावित कार्रवाई से संरक्षण की मांग की थी।

    एक समय पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की करीबी माने जाने वाली भारती घोष ने दावा किया है कि पुलिस उनके खिलाफ गलत कार्रवाई कर रही है।

    भारती घोष के खिलाफ़ मामला

    दरअसल राज्य की सीआईडी ने उनके खिलाफ कथित भ्रष्टाचार और एसपी पद पर रहते हुए क्षमता का इस्तेमाल कर इलाके के कारोबारियों से जबरदस्ती सोना लेने और रुपये नहीं देने का मामला दर्ज कर जांच शुरू की है। उनके कोलकाता के मदुरदाहा और पश्चिम मिदनापुर के आवासों पर छापेमारी की गई जहां से कई किलो सोना, 2 करोड़ रुपये नगदी, विदेशी शराब और कई सरकारी गोपनीय दस्तावेज बरामद करने का दावा किया गया।

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