केंद्र ने दिल्ली हाई कोर्ट के IAS, IPS काडर आवंटन नीति रद्द करने के फैसले को चुनौती दी, सुप्रीम कोर्ट 17 मई को करेगा सुनवाई
Live Law Hindi
13 May 2019 8:40 PM IST
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की वेकेशन बेंच ने केंद्र सरकार की उस याचिका पर 17 मई को सुनवाई पर सहमति जताई है, जिसमें केंद्र सरकार के दिसंबर 2018 के उस आदेश को रद्द किया गया था जिसके तहत वर्ष 2018 बैच के IAS और IPS अधिकारियों के काडर आवंटित किए गए थे। हाई कोर्ट ने केंद्र को नए सिरे से काडर आवंटन करने के निर्देश दिए थे।
नए सिरे से काडर आवंटन करना होगा मुश्किल
सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगाई जानी चाहिए क्योंकि काडर के मुताबिक अधिकारी अपने-अपने राज्यों की भाषा भी सीख चुके हैं और करीब 1 साल का प्रशिक्षण भी ले चुके हैं। ऐसे में नए सिरे से काडर का आवंटन नहीं हो सकता। पीठ ने कहा कि वो इस याचिका पर 17 मई को सुनवाई करेगी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने किया था सरकार का आदेश रद्द
दरअसल 5 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने नई नीति के तहत केंद्र सरकार के आदेश को रद्द कर दिया था। जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रेखा पल्ली की पीठ ने यह आदेश कुछ अधिकारियों की याचिका पर दिया जिसमें वर्ष 2018 कैडर आवंटन को चुनौती दी गई थी।
दरअसल इस मामले में 4 अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थी जिसमें सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) 2017 के परिणामों के आधार पर IAS और IPS उम्मीदवारों को काडर आवंटित करने की केंद्र की अधिसूचना को चुनौती दी गई थी।
याचिकाकर्ता ने यह दलील दी थी कि काडर आवंटन नीति 2017 की प्रक्रिया अनुचित, अन्यायपूर्ण और मनमानी है। सीएसई 2017 में उच्च स्थान प्राप्त करने वाले मेधावी उम्मीदवारों को आवंटन से वंचित किया गया है और मनमाने ढंग से उनको काडर आवंटित किया गया है।