शारदा चिट फंड घोटाला : CBI ने कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर की गिरफ्तारी की अनुमति के लिए SC में दाखिल की याचिका

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6 April 2019 11:10 AM GMT

  • शारदा चिट फंड घोटाला : CBI ने कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर की गिरफ्तारी की अनुमति के लिए SC में दाखिल की याचिका

    शारदा चिट फंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर कर कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को गिरफ्तार करने और हिरासत में उनसे पूछताछ करने की अनुमति मांगी है।

    सीबीआई ने शीर्ष अदालत से राजीव कुमार को गिरफ्तारी से संरक्षण देने वाले 5 फरवरी के अपने आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया है।

    "हिरासत में लेकर पूछताछ करना है आवश्यक" - सीबीआई
    सीबीआई ने याचिका में कहा है कि इस घोटाले की बड़ी साजिश का पता लगाने व सबूत छिपाने या नष्ट करने के मामले में कुमार व अन्य पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए कुमार को हिरासत में लेकर उनकी पूछताछ जरूरी है। इसके अलावा उनका मानना है कि राजीव कुमार को हिरासत में लेकर शारदा समूह के निदेशकों व राजनेताओं के बीच सांठगांठ का पता लगाना आवश्यक है।

    सीबीआई का यह भी कहना है कि राजीव कुमार, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार शिलांग में पूछताछ के लिए सीबीआई अधिकारियों के समक्ष पेश हुए, ने एजेंसी के सवालों के जवाब नहीं दिए और साथ ही चिट फंड मामलों में महत्वपूर्ण सबूत उपलब्ध कराने में उन्होंने सीबीआई की सहायता नहीं की। कुमार ने किसी भी महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा नहीं किया।

    सीबीआई का कहना है कि चिट फंड मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रभारी कुमार कुछ प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटाने में भी विफल रहे हैं।

    सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट को अदालत ने बताया गंभीर

    इससे पहले 29 मार्च को सीबीआई बनाम पश्चिम बंगाल सरकार मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ पर सीबीआई द्वारा दाखिल सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट को बहुत ही गंभीर बताया था।

    चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने सीबीआई को यह निर्देश दिया था कि वो 7 दिनों के भीतर एक अलग से अर्जी दाखिल करे।

    चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने सीबीआई से कहा, "हम स्टेटस रिपोर्ट से गुजरे हैं। आपने (CBI) स्टेटस रिपोर्ट में प्रार्थना की है। यदि आप इसे एक अलग अर्जी बनाना चाहते हैं और स्टेटस रिपोर्ट की कुछ सामग्री देना चाहते है तो आप दे सकते हैं। हालांकि रिपोर्ट बहुत गंभीर है तो हम उन्हें (राजीव कुमार) को मौका दिए बिना अपने आप कोई कार्रवाई नहीं कर सकते।"

    पीठ ने कहा कि 7 दिनों में सीबीआई की अर्जी दाखिल होने के 10 दिनों के भीतर राजीव कुमार इस पर अपना जवाब दाखिल करेंगे। पीठ ने कहा, "हम दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपों और जवाबी आरोपों का निर्धारण करेंगे।"

    वहीं पीठ ने पश्चिम बंगाल सरकार के उस अनुरोध को भी ठुकरा दिया था जिसमें राज्य के DGP और मुख्य सचिव के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही को बंद करने का अनुरोध किया गया था।

    सीबीआई ने कुमार पर लगाये सबूत से छेड़छाड़ के आरोप

    इससे पहले 27 फरवरी को पीठ ने सीबीआई निदेशक को उन आरोपों पर 2 सप्ताह में हलफनामा दाखिल कर तथ्य प्रस्तुत करने को कहा था जिसमें कहा गया है कि कोलकाता पुलिस के पूर्व आयुक्त राजीव कुमार ने CBI को मामला सौंपने से पहले शारदा चिट फंड घोटाले के कॉल रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की थी।

    सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अगर यह सच है कि राजीव कुमार की एसआईटी द्वारा एकत्र किए गए कॉल डेटा रिकॉर्ड के साथ छेड़छाड़ की गई है तो यह एक गंभीर अपराध है और यह कानून से छेड़छाड़ का मामला है।

    वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया था कि सीबीआई को यह पता चला है कि राजीव कुमार के नेतृत्व वाली एसआईटी द्वारा सीडीआर से मिटाए गए विवरणों में महत्वपूर्ण व्यक्तियों से संबंधित फोन नंबर हैं। उन्होंने कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने राजीव कुमार द्वारा दिए गए कॉल डेटा रिकॉर्ड का मिलान सर्विस प्रोवाइडर के डेटा से किया है।

    सीबीआई ने पुलिस आयुक्त के आत्मसमर्पण की मांग की है। इसके अलावा पश्चिम बंगाल सरकार और पुलिस के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना ​​के लिए भी याचिका दायर की है।

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