वकीलों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देशों की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, " BCI जाएं"

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23 July 2019 5:54 AM GMT

  • वकीलों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देशों की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा,  BCI जाएं

    उत्तर प्रदेश बार काउंसिल की पहली महिला अध्यक्ष दरवेश यादव की आगरा सिविल कोर्ट परिसर में हत्या के ठीक 1 महीने बाद सुप्रीम कोर्ट में बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) को निर्देश देने के लिए एक जनहित याचिका सुनवाई के लिए आई जिसमें वकीलों के लिए लैंगिक आधार पर तटस्थ सुरक्षा दिशानिर्देशों की मांग की गई थी।

    "BCI के समक्ष हो प्रतिनिधित्व"

    लेकिन भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सोमवार को इस याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया और याचिकाकर्ता को इस मुद्दे पर BCI के समक्ष प्रतिनिधित्व दायर करने को कहा।

    याचिकाकर्ता द्वारा दी गयी दलील

    याचिकाकर्ता एनजीओ आर्ट ऑफ लर्निंग फाउंडेशन के लिए अपील करते हुए वकील मानसी सिन्हा की सहायता से वकील कादंबरी ने यह दलील दी कि वकील अपने चैंबर में विभिन्न अवैध गतिविधियां और शराब का सेवन करते हैं। यहां बलात्कार और हत्या के कई उदाहरण सामने आए है इसलिए सभी जगह सीसीटीवी कैमरों की स्थापना होनी चाहिए।

    जनहित याचिका को सुनने से इनकार करते हुए CJI ने याचिकाकर्ता को BCI के समक्ष आवेदन दायर करने और BCI को इस मुद्दे पर विचार करने के लिए कहा। याचिका में याचिकाकर्ता ने इस साल जून में एक अन्य वकील द्वारा यादव की हत्या समेत बलात्कार और कोर्ट परिसर में हत्या आदि कई अन्य मामलों का हवाला दिया। याचिकाकर्ता ने BCI से न केवल अदालत परिसर में, बल्कि चैंबर ब्लॉक में भी वकीलों की सुरक्षा के उपाय करने की मांग की है।

    इसके अलावा BCI को तीसरे लिंग की शिकायतों से निपटने के लिए BCI अधिनियम में संशोधन करने के लिए निर्देश देने की मांग भी की गयी थी। साथ ही महिलाओं को यौन उत्पीड़न से बचाने के लिए विशाखा दिशानिर्देशों को लागू करने के लिए कहा गया था

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