सुप्रीम कोर्ट ने बागी AAP विधायक सहरावत को राहत देने से इनकार किया, कहा स्पीकर के पास जाएं
Live Law Hindi
28 Jun 2019 9:09 PM IST
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली विधानसभा सचिवालय द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल होने के लिए जारी किए गए दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराए जाने के नोटिस को चुनौती देने वाली बागी AAP विधायक देवेंद्र सहरावत की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया है।
"विधानसभा स्पीकर के सामने रखें अपना पक्ष"
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बी. आर. गवई की अवकाश पीठ ने शुक्रवार को याचिकाकर्ता विधायक से यह कहा कि वो इस संबंध में विधानसभा स्पीकर के पास जाएं और अयोग्यता की कार्रवाई में अपना पक्ष रखें।
पीठ ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट का पहले का फैसला उन अयोग्य करार सांसदों और विधायकों के सरंक्षण के लिए है जो पार्टी से निकाले गए हैं लेकिन वो किसी दूसरी पार्टी में शामिल नहीं हुए हैं।
अदालत इस स्तर पर नहीं देगी मामले में दखल
पीठ ने आगे यह भी कहा कि फिलहाल स्पीकर इस पूरे मामले की सुनवाई कर रहे हैं इसलिए अदालत इस मामले में इस स्तर पर दखल नहीं दे सकती। वहीं विधायक ने दलील में यह दावा किया कि वह अभी भी भाजपा की प्राथमिक सदस्यता में शामिल नहीं हुए हैं।
पक्षकारों को दी जाए याचिका की प्रति
इससे पहले पीठ ने गुरुवार को विधायक की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सोली सोराबजी से यह कहा था कि वह दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष और आम आदमी पार्टी (आप) सहित पक्षकारों को याचिका की एक प्रति दें।
अनिल बाजपेयी को भी जारी हुआ नोटिस
सहरावत के अलावा दिल्ली विधानसभा सचिवालय ने एक और बागी AAP विधायक अनिल बाजपेयी को भी नोटिस जारी किया है, क्योंकि पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के लिए दलबदल विरोधी कानून के तहत उनकी अयोग्यता की मांग वाली याचिका दायर की है।
सहरावत और बाजपेयी को मंगलवार को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष द्वारा 1 सप्ताह का समय दिया गया कि वो कथित रूप से भाजपा में शामिल होने पर अपना जवाब दें। जहाँ सहरावत बिजवासन क्षेत्र से विधायक हैं तो वहीं बाजपेयी, गांधी नगर निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं।