कठुआ में 8 साल की बच्ची से रेप और हत्या : पठानकोट कोर्ट ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

Live Law Hindi

10 Jun 2019 6:52 PM IST

  • कठुआ में 8 साल की बच्ची से रेप और हत्या : पठानकोट कोर्ट ने तीन दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई

    जम्मू-कश्मीर के कठुआ में खानाबदोश समुदाय की 8 साल की बच्ची से बलात्कार और फिर उसकी हत्या के मामले में पठानकोट की विशेष अदालत ने सोमवार को 7 में से 6 लोगों को दोषी करार देते हुए 3 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

    आरोपियों को सुनाई गयी सजा

    कोर्ट ने मुख्य आरोपी सांझीराम के साथ- साथ प्रवेश कुमार और दीपक खजुरिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि शेष 3 आरोपियों को सबूत नष्ट करने के मामले में 5 साल की सजा सुनाई गई। हालांकि मुख्य आरोपी सांझीराम के बेटे (सातवें आरोपी) विशाल को अदालत ने बरी कर दिया गया।

    पुलिस के मुताबिक इस मामले का मास्टरमाइंड ग्राम प्रधान सांझी राम था। उसके अलावा स्पेशल पुलिस ऑफिसर दीपक खजूरिया, सुरेंद्र वर्मा, हेड कॉन्स्टेबल, आनंद दत्ता और प्रवेश भी इस मामले में अदालत द्वारा दोषी करार दिए गए हैं।

    आरोपियों के खिलाफ सिद्ध आरोप

    सोमवार सुबह जिला और सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह की अदालत ने सभी सातों आरोपियों पर अपना फैसला पढ़ा। स्पेशल कोर्ट ने 6 दोषियों में से 3 को रेप और हत्या का दोषी पाया जबकि 3 को सबूत मिटाने का दोषी माना गया। सांझी राम, प्रवेश कुमार, दीपक खजुरिया को रनबीर पैनल कोड यानी RPC की धारा 302 (मर्डर), 376 (रेप), 120 बी (साजिश) 363 (किडनैपिंग) के तहत दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने पुलिसकर्मी आनंद दत्ता, सुरेंद्र कुमार , तिलक राज को धारा 201 (सबूतों को मिटाना) के तहत दोषी माना।

    क्या था यह पूरा मामला१

    इस मामले में इन-कैमरा ट्रायल 3 जून को समाप्त हो गया था और इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायाधीश तेजविंदर सिंह ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। चार्जशीट के मुताबिक, बच्ची का अपहरण कर लिया गया था और उसे पिछले साल 10 जनवरी को कठुआ जिले के एक गांव के मंदिर में ले जाया गया था। 4 दिनों के दौरान उससे कैद में बलात्कार किया गया। उसके बाद उसे मौत के घाट उतार दिया गया। पीड़िता का शव 17 जनवरी को एक जंगली इलाके में मिला था।

    किशोर आरोपी के खिलाफ बाकी है सुनवाई

    3 दिन बाद एक आरोपी किशोर को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके मामले की सुनवाई शुरू होनी अभी बाकी है क्योंकि उसकी उम्र का निर्धारण करने वाली याचिका पर जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय द्वारा सुनवाई बाकी है।

    मामले में अन्वेषण और गिरफ्तारी
    बाद में यह मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया जिसके बाद सबूत नष्ट करने के लिए एक पुलिस सब-इंस्पेक्टर और एक हेड कांस्टेबल को गिरफ्तार किया गया। मुख्य आरोपी सांझी राम ने 20 मार्च को आत्मसमर्पण कर दिया था।

    सांजी राम के अलावा, मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में उसका बेटा विशाल, एक "किशोर" भतीजा, उसका दोस्त आनंद दत्ता और 2 विशेष पुलिस अधिकारी हैं जिनकी पहचान दीपक खजुरिया और सुरेंद्र वर्मा के रूप में की गई है। सबूत नष्ट करने के आरोपी पुलिसकर्मी हेड कांस्टेबल तिलक राज और सब-इंस्पेक्टर आनंद दत्ता हैं।

    लड़की से बलात्कार और हत्या की कथित वजह
    क्राइम ब्रांच द्वारा की गई जांच में पता चला है कि कठुआ क्षेत्र में लगातार घुमंतू लोगों के बीच भय पैदा करने और उन्हें बाहर निकालने के प्रयास में आरोपी द्वारा कथित रूप से लड़की से बलात्कार और उड़की हत्या की गई थी।

    मामले के ट्रायल को पठानकोट किया गया था स्थानांतरित
    9 अप्रैल 2018 को वकीलों ने कठुआ की अदालत में अपराध शाखा को चार्जशीट दाखिल करने से रोक दिया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने मामले के ट्रायल को जम्मू और कश्मीर से बाहर पठानकोट स्थानांतरित कर दिया था। शीर्ष अदालत के आदेश पर किशोर को छोड़कर सभी आरोपियों को गुरदासपुर जेल भेज दिया गया और पठानकोट में जिला और सत्र न्यायाधीश द्वारा रोजाना इन- कैमरा ट्रायल का आदेश दिया गया।

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