कर्नाटक राजनितिक संकट :सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को 6 बजे बागी विधायकों से मिलने और फिर तुरंत फैसला करने को कहा

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11 July 2019 11:16 AM GMT

  • कर्नाटक राजनितिक संकट :सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर को 6 बजे बागी विधायकों से मिलने और फिर तुरंत फैसला करने को कहा

    कर्नाटक में राजनीतिक संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने 10 बागी विधायकों को गुरुवार शाम 6 बजे विधानसभा स्पीकर के समक्ष पेश होकर इस्तीफे पर अपनी बात रखने को कहा है।

    आज शाम स्पीकर को जारी करना होगा अपना आदेश

    चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 3 जजों की पीठ ने स्पीकर से यह आग्रह किया है कि वो इन बागी विधायकों की बात सुने और शाम को ही इस पर आदेश जारी करें। ये आदेश शुक्रवार को पीठ के सामने रखा जाएगा और फिर इस मामले की सुनवाई होगी।

    अदालत ने बागी विधायकों की सुरक्षा हेतु दिए निर्देश

    पीठ ने बागी विधायकों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कर्नाटक में उन्हें सुरक्षा देने के आदेश देने का आग्रह किया तो पीठ ने अपनी सहमति जताते हुए कहा है कि समय से ही कर्नाटक डीजीपी को सारी जानकारी दी जाए ताकि वो मुंबई से कर्नाटक पहुंचने पर बागी विधायकों की सुरक्षा व्यवस्था कर सकें।

    स्पीकर पर आरोप लगाते हुए बागी विधायक पहुँचे थे SC

    इससे पहले बुधवार को पीठ ने बागी विधायकों की उस याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमति व्यक्त की थी जिसमें यह आरोप लगाया गया है कि स्पीकर अपने संवैधानिक कर्तव्य में विफल रहे हैं और जानबूझकर राजनीतिक उद्देश्य के लिए उनके इस्तीफे पर स्वीकृति नहीं दे रहे हैं।

    विधायक यह दावा कर रहे हैं कि स्पीकर के. आर. रमेश कुमार ने गैर-कानूनी रूप से उनके इस्तीफे को स्वीकार नहीं किया है और अपने संवैधानिक कर्तव्य को छोड़ दिया है।

    विधायकों ने अपने इस्तीफे को बताया स्वैच्छिक

    याचिका दायर करने वाले 10 विधायकों ने यह कहा है कि कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष उनके इस्तीफे पर निर्णय लेने में देरी कर रहे हैं क्योंकि वह विधानसभा सत्र शुरू होने पर शुक्रवार को उनकी अयोग्यता का फैसला करना चाहते हैं।विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट से यह माँग की कि स्पीकर द्वारा उन विधायकों को अयोग्य घोषित करने से रोकने और उनका इस्तीफा स्वीकार करने के निर्देश दिए जाएं।

    विधायकों का कहना है कि उनका इस्तीफा स्वैच्छिक और बिना किसी डर के है क्योंकि उन्हें यकीन है कि कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी का शासन एक ठहराव पर आ गया है। विधायकों ने सरकार में भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन को उजागर करने के लिए आईएमए, पोंजी घोटाला और जेएसडब्ल्यू भूमि घोटाले का हवाला दिया है।

    कांग्रेस ने की थी स्पीकर के हस्तक्षेप की मांग

    जैसा कि हम जानते हैं कि कर्नाटक में गठबंधन सरकार को बचाने के लिए लड़ रही कांग्रेस ने मंगलवार को अपने बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के हस्तक्षेप की मांग की थी और भाजपा पर यह आरोप लगाया था कि वो एक और विधायक के पार्टी छोड़ने के बाद उसके सदस्यों को लुभाने के लिए धन का इस्तेमाल कर रही है।

    वहीं 13 विधायकों के 13 महीने पुरानी सरकार को झटका देने के बाद शनिवार को इस्तीफा देने के बाद एक जवाबी आक्रामक स्थिति में कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष के. आर. रमेश कुमार से मुलाकात की और मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) की बैठक में लिए गए निर्णय के अनुरूप दलबदल विरोधी कानून के तहत विद्रोही विधायकों की अयोग्यता के तहत एक याचिका दायर की।

    कर्नाटक का मौजूदा घटनाचक्र

    यह कदम कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार में सभी मंत्रियों के इस्तीफे के एक दिन बाद आया था, जिसमें असंतुष्टों को समायोजित करने के लिए कैबिनेट फेरबदल का मार्ग प्रशस्त किया गया था। यहां तक ​​कि सीएलपी ने भी याचिका दायर करने का फैसला किया और पार्टी के शिवाजीनगर विधायक आर. रोशन बेग, जिन्हें हाल ही में पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में निलंबित कर दिया गया था, ने अपना इस्तीफा दे दिया। हालांकि महाराष्ट्र में कैंप कर रहे बागी विधायक कांग्रेस की अयोग्यता के कदम से अप्रभावित दिखाई दिए और उन्होंने कहा था कि उनके द्वारा इस्तीफे वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है।

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