आम्रपाली ग्रुप से बकाया 40 करोड़ रुपये के लिए अब महेंद्र सिंह धोनी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

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27 March 2019 1:49 PM GMT

  • आम्रपाली ग्रुप से बकाया 40 करोड़ रुपये के लिए अब महेंद्र सिंह धोनी पहुंचे सुप्रीम कोर्ट

    आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ मामले में अब भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी भी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। धोनी ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर आम्रपाली ग्रुप से करीब 40 करोड़ रुपये की बकाया राशि दिलाने का अनुरोध किया है। गौरतलब है कि धोनी आम्रपाली ग्रुप के ब्रैंड एम्बेसडर रहे हैं।

    कंपनी के ब्रांड एम्बेसडर के तौर पर दी थी सेवाएं
    अपनी याचिका में धोनी ने कहा है कि उन्होंने वर्ष 2009 में आम्रपाली ग्रुप से कई समझौते किए और वे कंपनी के ब्रैंड एम्बेसडर बने थे। वो वह इस समूह के साथ 6 साल यानी वर्ष 2015 तक जुड़े रहे थे लेकिन वर्ष 2016 में जब कंपनी पर खरीददारों को ठगने का आरोप लगा को उन्होंने आम्रपाली ग्रुप से खुद को अलग कर लिया।

    धोनी का कहना है कि उन्होंने इन 6 साल के दौरान आम्रपाली ग्रुप के साथ कई समझौते किए लेकिन कंपनी ने उनकी सेवाओं के लिए उन्हें भुगतान नहीं किया। इस तरह आम्रपाली ग्रुप पर उनके 38.95 करोड़ रुपये बकाया हैं जिसमें से 22.53 करोड़ रुपये मूलधन और 18 फीसदी वार्षिक के हिसाब से 16.42 करोड़ रुपये ब्याज है।

    धोनी की तस्वीरों का भी किया गया था इस्तेमाल
    अर्जी में ये भी कहा गया है कि समझौते के मुताबिक उन्होंने ग्रुप के लिए प्रचार भी किया और इसके तहत आम्रपाली ग्रुप ने मार्केटिंग के लिए उनकी तस्वीरों को भी इस्तेमाल किया। समझौते में कहा गया था कि कंपनी ये रुपये सीधे याचिकाकर्ता को देगी लेकिन ऐसा नहीं किया गया। धोनी ने अर्जी के साथ कंपनी के साथ अपने सारे समझौतों की प्रतियां भी लगाई हैं।

    आम्रपाली मामले में कोर्ट का रुख रहा है सख्त
    इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 28 फरवरी को ग्रुप के सीएमडी अनिल शर्मा, 2 निदेशक शिव प्रिय और अजय कुमार को दिल्ली पुलिस की हिरासत में भेज दिया था। कोर्ट ने उनकी निजी संपत्ति और उनके घर जब्त करने का आदेश दिया था। पीठ ने उनके ऑफिस, मॉल, कारें भी जब्त करने के निर्देश दिए थे और NBCC को अधूरे फ्लैट पूरे करने को कहा था।
    दरअसल सुप्रीम कोर्ट करीब 46 हजार खरीददारों की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। कोर्ट के आदेशों का पालन ना करने पर जस्टिस अरूण मिश्रा और जस्टिस यू. यू. ललित की पीठ ने कंपनी को अवमानना का नोटिस भी जारी किया था।

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