Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

मेंशनिंग प्रथा को खत्म करने के लिए चार फरवरी से सुप्रीम कोर्ट में नए नियम, 3-7 दिनों के बीच होंगी नई याचिकाएं सूचीबद्ध

Rashid MA
30 Jan 2019 4:24 PM GMT
मेंशनिंग प्रथा को खत्म करने के लिए चार फरवरी से सुप्रीम कोर्ट में नए नियम, 3-7 दिनों के बीच होंगी नई याचिकाएं सूचीबद्ध
x

सुप्रीम कोर्ट में दाखिल होने वाली नई याचिकाओं को अब 3 से 7 दिन के भीतर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाएगा। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में नए नियम बनाए गए हैं। सर्कुलर के मुताबिक ये नियम 4 फरवरी से लागू होंगे।

सर्कुलर के मुताबिक शुक्रवार को लंच के बाद और शनिवार, सोमवार और मंगलवार को लंच से पहले (यानी दोपहर 1 बजे तक) की सत्यापित नई याचिकाएं अगले शुक्रवार को सूचीबद्ध की जाएंगी।

इसके अलावा मंगलवार, बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार को दोपहर के भोजन के बाद के समय नए मामलों को अगले सोमवार को सूचीबद्ध किया जाएगा। सर्कुलर में ये भी कहा गया है कि सोमवार के लिए अंतिम कॉज लिस्ट पिछले शुक्रवार को ही वेबसाइट पर अपलोड होगी और मंगलवार को उसी सप्ताह के शुक्रवार को सुनवाई वाली कॉज लिस्ट अपलोड होगी।

इससे पहले 23 जनवरी को चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि वो केसों की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस के सामने की जाने वाली मेंशनिंग की वर्तमान प्रथा को खत्म करना चाहते हैं।

सुप्रीम कोर्ट में मेशंनिंग की लम्बी लाइन को देखते हुए चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने फिर कहा था कि वो जल्द सुनवाई के लिए की जाने वाली मेंशनिंग प्रथा को खत्म करना चाहते हैं क्योंकि इससे अदालत का बहुत सारा वक्त बर्बाद होता है।

चीफ जस्टिस ने वकीलों से कहा कि वो एक गाइडलाइन तैयार कर रहे हैं जिसके चलते याचिका रजिस्ट्री में दाखिल करने के बाद 4 दिन के भीतर मामला, सुनवाई के लिए लिस्ट हो जाएगा। या ज्यादा से ज्यादा 5 दिन के भीतर।

इससे पहले भी चीफ जस्टिस ने कहा था कि हम पहले ही सुनवाई के लिए केस लिस्ट करते हैं, बावजूद इसके फिर भी मेंशनिंग की जाती है। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसा होता है कि मेंशनिंग के दौरान जैसा केस बताया जाता है वैसा कागजातों में नहीं होता।

वैसे चीफ जस्टिस ने कहा है कि अगर कोई मौत का मामला हो, कहीं तोड़फोड़ होने जा रही हो, किसी का घर खाली हो रहा हो या कोई रिहा हो रहा हो तो ही ऐसे केसों में वो जल्द सुनवाई करेंगे।

दरअसल सुप्रीम कोर्ट में जरूरी मामलों की जल्द सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट में मेंशनिंग करने की प्रथा है। इसमें वकील नये केस की जल्द सुनवाई हेतु हस्तक्षेप याचिका, हलफनामा दाखिल करने की अनुमति मांगते हैं।


Next Story