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पुलिस हिरासत में युवक की मौत : सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को 10 लाख का मुआवजा देने के निर्देश दिए [आर्डर पढ़े]

Live Law Hindi
22 Feb 2019 8:03 AM GMT
पुलिस हिरासत में युवक की मौत : सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को 10 लाख का मुआवजा देने के निर्देश दिए  [आर्डर पढ़े]
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गुजरात में पुलिस हिरासत में संदिग्ध परिस्थितियों में 35 वर्षीय व्यक्ति की मौत के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

जस्टिस एन. वी. रमना और जस्टिस एम. एम. शांतनागौदर की पीठ ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वो ये राशि 2 महीने के भीतर पीड़ित परिवार को दे।

पीठ ने गुजरात के वकील के इस आग्रह को खारिज कर दिया कि मुआवजे के अनुदान के विषय में पहले ही राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग द्वारा विचार किया जा चुका है। आयोग ने गुजरात सरकार को पीड़ित परिवार को 1 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा था।

पीठ ने यह आदेश अशोकभाई बालूमल दासानी द्वारा पुलिस हिरासत में अपने भाई की मौत के लिए मुआवजे और सीबीआई को जांच सौंपने के लिए दायर एक याचिका पर दिया गया। ये याचिका गुजरात हाईकोर्ट द्वारा 2 फरवरी, 2018 के आदेश के खिलाफ दाखिल की गई थी जिसमें पुलिस हिरासत में संदिग्ध मौत के मामले को केंद्रीय जांच ब्यूरो जैसी स्वतंत्र एजेंसी को ट्रांसफर करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की रिट याचिका को खारिज कर दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने फैसले में कहा, "तथ्यों का वर्णन बताता है कि मृतक को 03-07-2005 को करेलीबाग पुलिस स्टेशन लाया गया था और वहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई।" पीठ ने आगे कहा है, "यह नोट करना प्रासंगिक है कि मृतक लगभग 35 वर्ष का था और टूर एंड ट्रैवल एजेंसियों के साथ काम कर रहा था। मृतक अपने भाई के साथ परिवार की मदद कर रहा था।"

पीठ ने कहा, "हम इस विचार पर पहुंचे हैं कि राज्य सरकार पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये का मुआवजा दे तो ये न्याय करना होगा।"


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