जस्टिस एस. ए. बोबड़े, जस्टिस इंदु मल्होत्रा और जस्टिस इंदिरा बनर्जी के इन- हाउस पैनल ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के खिलाफ पूर्व महिला कर्मी की यौन उत्पीड़न की शिकायत को खारिज कर दिया है। इसी के साथ पैनल ने कहा है कि उक्त शिकायत के संबंध में कोई सबूत नहीं मिला है।
उसने यह भी उल्लेख किया है कि उसके मामले के गवाह न्यायालय के कर्मचारी हैं और उनकी समिति के सामने बिना किसी डर के पेश होने की कोई संभावना नहीं दिखती है। साथ ही उन्होंने असंतोष व्यक्त किया कि कार्यस्थल अधिनियम (महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की रोकथाम) 2013 और विशाखा मामले के दिशानिर्देशों के तहत पैनल के गठन में प्रक्रिया का पालन करने की उनकी मांग को संबोधित नहीं किया गया।
महिला कर्मी ने यह भी कहा था कि, 20 अप्रैल को जिस दिन उसका हलफनामा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को भेजा गया था, उस दिन हैदराबाद में एक कार्यक्रम में बोलते हुए जस्टिस रमना ने उसके आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके कारण जस्टिस रमना ने इस पैनल से खुद को अलग कर लिया और उनकी जगह जस्टिस इंदु मल्होत्रा को पैनल के सदस्य के रूप में शामिल किया गया था।