Begin typing your search above and press return to search.
ताजा खबरें

अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर इन- हाउस पैनल के सामने पेश हुए CJI गोगोई

Live Law Hindi
2 May 2019 6:28 AM GMT
अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों पर इन- हाउस पैनल के सामने पेश हुए CJI गोगोई
x

भारत के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई बुधवार को यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच कर रहे जस्टिस बोबड़े की अध्यक्षता वाले 3 सदस्यीय जांच पैनल के सामने पेश हुए।

CJI ने किया आरोपों का खंडन
यह भारतीय न्यायपालिका के इतिहास में पहली बार है कि मुख्य न्यायाधीश यौन उत्पीड़न के आरोपों पर गठित इन- हाउस जांच पैनल के समक्ष उपस्थित हुए। यद्यपि शिकायतकर्ता ने कार्यवाही में भाग नहीं लेने का फैसला किया है लेकिन पैनल ने इस कार्रवाही को एक पक्षीय तौर पर ही आगे बढ़ाने का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक CJI ने पैनल के समक्ष तमाम आरोपों का खंडन किया है। अब ये पैनल फुल कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा।

पीड़ित महिला कार्यवाही में न शामिल होने का कर चुकी है फैसला
इससे पहले मंगलवार को यह कहते हुए कि इन-हाउस कमेटी का माहौल "भयावह" है, भारत के मुख्य न्यायाधीश पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला ने इस कार्यवाही में भाग ना लेने का फैसला किया है। एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उसने कहा कि वो सुप्रीम कोर्ट के 3 न्यायाधीशों की उपस्थिति में और वकील या समर्थन वाले व्यक्ति के बिना डरी और घबराई हुई महसूस करती है।

उसने यह भी उल्लेख किया है कि उसके मामले के गवाह न्यायालय के कर्मचारी हैं और उनकी समिति के सामने बिना किसी डर के पेश होने की कोई संभावना नहीं है। साथ ही उन्होंने असंतोष व्यक्त किया कि कार्यस्थल अधिनियम ( महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की रोकथाम) 2013 और विशाखा मामले के दिशानिर्देशों के तहत पैनल के गठन में प्रक्रिया का पालन करने की उनकी मांग को संबोधित नहीं किया गया।

जस्टिस रमना के पैनल में होने पर हुआ था विवाद
गौरतलब है कि 23 अप्रैल को पूर्व जूनियर कोर्ट स्टाफ द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच करने के लिए जस्टिस बोबडे, जस्टिस रमना और जस्टिस इंदिरा बनर्जी का एक पैनल गठित किया गया था। बाद में महिला ने जस्टिस बोबडे को एक पत्र लिखा जिसमें जस्टिस रमना को इन-हाउस पैनल में शामिल करने पर आपत्ति जताई गई थी और यह दावा किया था कि वो CJI के निवास पर लगातार आते- जाते हैं और CJI के 'करीबी दोस्त' हैं। वो CJI के लिए एक परिवार के सदस्य की तरह हैं।

महिला कर्मी ने यह भी कहा था कि 20 अप्रैल को जिस दिन उसका हलफनामा सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों को भेजा गया था, हैदराबाद में बोलते हुए जस्टिस रमना ने उसके आरोपों को खारिज कर दिया था। इसके कारण जस्टिस रमना ने खुद को पैनल से अलग कर लिया और उनकी जगह जस्टिस इंदु मल्होत्रा ​​को लाया गया।

Next Story