कर्नाटक राजनीतिक संकट : पांच अन्य बागी विधायक भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, स्पीकर को इस्तीफे मंजूर करने के निर्देश की मांग

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13 July 2019 11:26 AM GMT

  • कर्नाटक राजनीतिक संकट : पांच अन्य बागी विधायक भी सुप्रीम कोर्ट पहुंचे, स्पीकर को इस्तीफे मंजूर करने के निर्देश की मांग

    कर्नाटक में राजनीतिक संकट के बीच अब 5 और बागी विधायकों ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर दी है। 10 बागी विधायक पहले ही सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुके हैं।

    "इस्तीफे पर स्पीकर कर रहे हैं जानबूझकर देरी"

    शनिवार को कर्नाटक के 5 और बागी विधायकों- सुधाकर, रोशन बेग, एम. टी. नागराज, मुनिरत्न और आनंद सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए विधानसभा अध्यक्ष से उनके इस्तीफे को स्वीकार करने का निर्देश देने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि स्पीकर उनके इस्तीफे पर जानबूझकर देरी कर रहे हैं।

    "दी जा रही है सरकार को समर्थन देने की धमकी"
    याचिका में 5 अन्य बागी विधायकों का दावा है कि स्पीकर का ये कदम उनके मौलिक अधिकार का उल्लंघन है। उन्हें सरकार का समर्थन करने की धमकी दी जा रही है वरना उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा। जब वो 10 जुलाई को स्पीकर से मिलने गए तो उनमें से कुछ के साथ विधानसभा में धक्का-मुक्की की गई।

    "कार्यालय से इस्तीफा देना है मौलिक अधिकार"
    याचिका में यह कहा गया है कि विधानमंडल का कोई भी निर्वाचित सदस्य अपनी अंतरात्मा या अन्य विपरीत परिस्थितियों में विचार कर अपनी सदस्यता से इस्तीफा देने का हकदार है। कार्यालय से इस्तीफा देने का अधिका उनका मौलिक अधिकार है।

    बागी विधायकों ने कहा हैं कि जब विधायकों ने व्यक्तिगत रूप से इस्तीफे सौंपे हैं तो अध्यक्ष द्वारा इस्तीफे की स्वैच्छिकता के बारे में जांच की कोई आवश्यकता नहीं है।

    "SC ने दिया था यथास्थिति बनाए रखने का आदेश"

    इससे पहले लगभग 1 घंटे तक विस्तृत सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा के 10 विधायकों के इस्तीफे और अयोग्यता के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया है।

    CJI रंजन गोगोई की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि मामले में पर्याप्त महत्व के मुद्दे उत्पन्न हुए हैं, विशेष रूप से समय सीमा के भीतर निर्णय लेने के लिए अध्यक्ष को निर्देश जारी करने के लिए न्यायालय की शक्ति से संबंधित। साथ ही ऐसी स्थिति में अयोग्यता पर पहले फैसला हो या इस्तीफे पर। पीठ ने कहा कि इस मामले में गहन विचार की आवश्यकता है। कोर्ट ने सुनवाई को अगले मंगलवार 16 जुलाई के लिए स्थगित कर दिया है।

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