काले हिरण का शिकार : हथियार के लाइसेंस पर झूठा शपथ पत्र दाखिल करने के मामले में जोधपुर कोर्ट ने सलमान खान को बरी किया

Live Law Hindi

17 Jun 2019 8:17 PM IST

  • काले हिरण का शिकार : हथियार के लाइसेंस पर झूठा शपथ पत्र दाखिल करने के मामले में जोधपुर कोर्ट ने सलमान खान को बरी किया

    जोधपुर की एक अदालत ने फिल्म अभिनेता सलमान खान को काले हिरण के शिकार से जुड़े मामले में हथियार के लाइसेंस को लेकर कोर्ट में झूठा शपथ पत्र दाखिल करने के मामले में बरी कर दिया है।

    अदालत में झूठा शपथ पत्र दाखिल करने का था आरोप

    मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (ग्रामीण) अंकित रमन ने सोमवार को सुनाए गए फैसले में राजस्थान सरकार की अर्जी को खारिज कर दिया। राज्य सरकार ने सलमान पर यह आरोप लगाया था कि उन्होंने वर्ष 2006 में कोर्ट में झूठा शपथ पत्र दाखिल किया था कि उनके हथियार का लाइसेंस खो गया है।

    "झूठा शपथ पत्र दाखिल करने का नहीं था कोई इरादा"

    इस मामले की सुनवाई के दौरान पिछले सप्ताह सलमान खान की ओर से कोर्ट में यह कहा गया था कि उनका अदालत में झूठा शपथ पत्र दाखिल करने का कोई इरादा नहीं था। ऐसे में उनके विरुद्ध किसी तरह की कार्यवाही करना न्यायोचित नहीं होगा।

    वहीं राज्य सरकार ने इस शपथ पत्र को झूठा बताते हुए कोर्ट को गुमराह करने का आरोप लगाया और दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 340 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सोमवार को फैसला सुनाने के लिए मामले को सूचीबद्ध किया था।

    क्या था यह पूरा मामला?

    दरअसल वर्ष 1998 में सलमान खान के खिलाफ फिल्म 'हम साथ-साथ है' की शूटिंग के दौरान काले हिरण के शिकार के 3 और आर्म्स एक्ट के तहत 1 मामला दर्ज किया गया था।

    हालांकि वर्ष 2018 में सलमान को आर्म्स एक्ट केस में बरी कर दिया गया लेकिन इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने सलमान को अपना हथियार का लाइसेंस कोर्ट में जमा कराने को कहा था। लेकिन सलमान की तरफ से शपथ पत्र दाखिल कर यह कहा गया कि उनका लाइसेंस खो गया है जबकि लाइसेंस नवीनीकरण के लिए भेजा गया था।

    गौरतलब है कि सलमान को काले हिरण के शिकार के तीनों मामलों में दोषी करार देकर सजा सुनाई गई है। जहां एक मामले में राजस्थान हाई कोर्ट सलमान को बरी कर चुका है वहीं 2 अन्य मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं। बरी किए जाने के हाईकोर्ट के फैसले को राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

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