सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बनावटी तस्वीर को कथित तौर पर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए भाजपा की युवा विंग की नेता प्रियंका शर्मा की गिरफ्तारी को "पहली नजर में मनमाना" करार दिया है।
दरअसल बुधवार को शर्मा के भाई के वकील ने इस मामले को वेकेशन बेंच के सामने इसे मेंशन किया और बताया कि मंगलवार को अदालत के आदेश के बावजूद प्रियंका को जेल से रिहा नहीं किया गया।
हालांकि पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वकील ने जस्टिस इंदिरा बनर्जी और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ को बताया कि प्रियंका शर्मा को बुधवार को सुबह लगभग 9:40 बजे जेल से रिहा किया गया है। पीठ ने कहा, "ऐसा नहीं किया गया है। सबसे पहले गिरफ्तारी पहली नजर में मनमानी थी।" पीठ ने कहा कि वो इस मामले में अवमानना की कार्रवाही शुरू कर सकती है।
पीठ ने तब शर्मा के भाई राजीव शर्मा का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से पूछा कि शर्मा को जेल से रिहा किया गया है या नहीं। कुछ मिनटों के बाद वकील ने अदालत को अवगत कराया कि उसे जेल से रिहा कर दिया गया है।
दरअसल मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने प्रियंका शर्मा को तुरंत रिहा करने के आदेश दिए थे और इसके बाद उनसे लिखित माफी मांगने को कहा था।