महिला भक्त से बलात्कार: सूरत की अदालत ने आसाराम के बेटे नारायण साईं को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई

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1 May 2019 7:47 AM GMT

  • महिला भक्त से बलात्कार: सूरत की अदालत ने आसाराम के बेटे नारायण साईं को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई

    सूरत की एक सत्र अदालत ने मंगलवार को जेल में बंद आसाराम बापू के बेटे नारायण साई को वर्ष 2013 में एक पूर्व महिला भक्त के साथ बलात्कार करने के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

    साईं को मिली 10 वर्ष के कारावास की सजा

    अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पी. एस. गढ़वी ने साई को सजा सुनाने के साथ-साथ 1 लाख रुपये का जुर्माना और पीड़िता को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने को कहा है। साईं वर्ष 2013 के बाद से ही लाजपुर की जेल में बंद हैं और इस मामले में उसकी 2 महिला सहयोगी समेत 3 लोगों को विभिन्न अपराधों के लिए दोषी ठहराते हुए 10 वर्ष की जेल की सजा सुनाई गई है जबकि उसके ड्राइवर राजकुमार उर्फ ​​रमेश मल्होत्रा ​​को 6 महीने जेल की सजा सुनाई गई।

    इन आरोपों के तहत ठहराए गए दोषी

    अदालत ने 26 अप्रैल को आईपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक अपराध), 323 (हमला), 506-2 (आपराधिक धमकी) और 120-बी (साजिश) के तहत मामले में साई को दोषी ठहराया था। साई के 3 सहयोगियों, धर्मिष्ठा उर्फ ​​गंगा, भावना उर्फ ​​जमुना और पवन उर्फ ​​हनुमान को 10 वर्ष की सजा सुनाई गई जबकि उसके ड्राइवर को आईपीसी की धारा 212 ( अपराधी को शरण देना) के तहत दोषी ठहराया गया था। कुल 11 आरोपियों में से अदालत ने 26 अप्रैल को 6 को बरी कर दिया था।

    साईं की तरफ से दी गयी दलीलें

    सुनवाई के दौरान जहां नारायण साईं के वकीलों ने इसे सिर्फ पीड़िता के बयानों पर आधारित केस बताया था। उन्होंने इस मामले में 4 साल तक की सजा का अनुरोध किया था। उनका कहना था कि ये नाबालिग के साथ किया गया अपराध नहीं है।

    अभियोजन पक्ष की दलील

    जबकि अभियोजन पक्ष ने कहा था कि इस मामले में साईं को आजीवन कारावास की सजा होनी चाहिए ताकि समाज में ये संदेश जाए कि ताकतवर द्वारा उसकी कस्टडी में मौजूद महिला के साथ अपराध करने पर कड़ी सजा दी जाएगी।

    क्या है साईं और आसाराम के खिलाफ मामला१

    दरअसल वर्ष 2013 में आसाराम को राजस्थान में एक लड़की के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किए जाने के बाद सूरत की 2 बहनों ने आसाराम और उसके बेटे पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। बड़ी बहन ने आसाराम पर वर्ष 1997 और 2006 के बीच यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया, जब वह उसके अहमदाबाद आश्रम में रहती थी जबकि छोटी बहन ने साईं पर इस अपराध का आरोप लगाया जब वह वर्ष 2002 और 2005 के बीच सूरत के जहांगीरपुरा इलाके में आसाराम के आश्रम में रहती थी। हालांकि इसके बाद साईं फरार हो गया था।

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