राफेल : सुप्रीम कोर्ट के हवाले से ' चौकीदार चोर है' टिप्पणी करने पर राहुल गांधी ने कोर्ट से माफी मांगी, दाखिल करेंगे नया हलफनामा

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30 April 2019 3:56 PM GMT

  • राफेल : सुप्रीम कोर्ट के हवाले से  चौकीदार चोर है टिप्पणी करने पर राहुल गांधी ने कोर्ट से माफी मांगी, दाखिल करेंगे नया हलफनामा

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सुप्रीम कोर्ट में "चौकीदार चोर है" टिप्पणी के लिए माफी मांग ली है। गांधी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "मैं सुप्रीम कोर्ट के हवाले से की गई टिप्पणियों के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं।"

    'रिग्रेट' का मतलब 'माफी' ही है
    सिंघवी ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने यह भी कहा कि हलफनामे में उन्होंने इसके लिए 'रिग्रेट' शब्द का इस्तेमाल किया है जिसका भी मतलब 'माफी' ही है, लेकिन वो एक नया हलफनामा दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगेगे।

    राहुल देंगे दूसरा हलफनामा, पर अभी राहत नहीं
    पीठ ने हलफनामा दाखिल करने की अनुमति देते हुए कहा कि इसका मतलब ये नहीं है कि राहुल को कोई राहत मिल गई है। इस हलफनामे को मंजूर किया जाए या नहीं ये पीठ सुनवाई की अगली तारीख 10 मई को तय करेगी।

    मुकुल रोहतगी की दलील
    वहीं याचिकाकर्ता मीनाक्षी लेखी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि गांधी ने अपनी टिप्पणी के लिए बिना शर्त माफी नहीं मांगी है और स्वयं को उचित ठहराया है। उन्होंने कहा कि गांधी ने सुप्रीम कोर्ट के मुंह से राजनीतिक प्रचार के लिए शब्द निकाले थे, जो अवमानना ​​का ही रूप है। उन्होंने आगे उल्लेख किया कि गांधी ने एक से अधिक अवसरों पर उन टिप्पणियों को दोहराया था और उनकी यह दलील कि 'आदेश की प्रतिलिपि पढ़े बिना टिप्पणी की गई थी', स्वीकार्य नहीं है।

    पीठ ने पूछा हलफनामे को लेकर सवाल
    वहीं पीठ ने भी टिप्पणी की कि वह हलफनामे को समझने में सक्षम नहीं है और पूछा कि कोष्ठक में 'अफसोस' शब्द क्यों लिखा गया है। कोर्ट ने यह भी पूछा कि क्या गांधी का अपनी माफी पर कोई बयान है। इस पर सिंघवी ने अगले सोमवार तक इस आशय का हलफनामा दायर करने की बात कही।

    गौरतलब है कि राफेल मामले में अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी नोटिस पर अपना जवाब दाखिल करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर दोहराया है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के हवाले से वह टिप्पणी चुनाव प्रचार की सरगर्मी में की थी।

    सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दाखिल जवाबी हलफनामे में राहुल गांधी ने कहा है कि कोर्ट की अवमानना करना कभी भी उनकी मंशा नहीं रही।

    "बयान को तोड़ मरोड़ कर किया गया प्रस्तुत"

    उनका कहना है कि जिस समय राफेल पुनर्विचार याचिका पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया तब ये प्रतिक्रिया उनके मुंह से निकली थी, लेकिन विरोधियों ने उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर और गलत मंशा से पेश किया है।

    राहुल ने अपने जवाब में कहा, "ये साफ है कि कोई भी अदालत इस तरह नहीं कह सकती (कि चौकीदार चोर है)। एक ही समय में कोर्ट कार्रवाई और राजनीतिक सरगर्मी के बीच ये दुर्भाग्यपूर्ण संदर्भ (जिनके लिए खेद जताता हूं) से ये नहीं समझना चाहिए कि राफेल सौदे में पीठ ने इस तरह का कोई निष्कर्ष निकाला है।"

    राहुल गांधी ने आगे कहा है कि, "उन्होंने मीडिया में ये बयान कि 'सुप्रीम कोर्ट ने भी सहमति व्यक्त की है कि पीएम मोदी ने राफेल सौदे में भ्रष्टाचार किया है,' विरोधियों के उन बयानों के खिलाफ था जिनमें 14 दिसंबर के फैसले पर कहा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने क्लीन चिट दी है। चौकीदार चोर है का नारा लगातार उनके चुनावी अभियान का हिस्सा रहा है।"

    राहुल गांधी ने दी अंडरटेकिंग

    राहुल ने एक बार फिर अंडरटेकिंग देते हुए कहा है कि जब तक अदालत के फैसले में कोई टिप्पणी या निष्कर्ष रिकार्ड पर नहीं होगी तब तक वो राजनीतिक भाषण या मीडिया बयानों में इनकी चर्चा नहीं करेंगे। उन्होंने कहा है कि BJP इस मामले में कोर्ट को घसीट रही है, इसलिए इस याचिका को जुर्माने के साथ खारिज कर दिया जाना चाहिए।

    राहुल गांधी से मांगा गया था जवाब

    गौरतलब है कि 23 अप्रैल को राफेल मामले में 'चौकीदार चोर है' टिप्पणी पर सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को अवमानना नोटिस जारी कर उनकी ओर से जवाब मांगा था। हालांकि उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी गई थी।

    अबतक इस मामले में हुई प्रगति

    इस दौरान याचिकाकर्ता मीनाक्षी लेखी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि राहुल गांधी ने जवाब में यह माना है कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी कोई टिप्पणी नहीं की थी। उन्होंने अपनी गलती मानी है लेकिन माफीनामा नहीं दिया है। उन्होंने ये भी कहा है कि कोर्ट की टिप्पणी को राजनीति के साथ जोड़ने से उन्हें खेद है।

    वहीं राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा था कि राफेल घोटाले को लेकर 18 महीने से अभियान चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से टिप्पणी करने पर उन्हें खेद है और अब ये नहीं होगा लेकिन राजनीतिक रूप से वे इस बात पर कायम रहेंगे कि चौकीदार ने चोरी की है।

    उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार ये बयान दे रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने राफेल मामले में उन्हें क्लीन चिट दी है। इस पूरे मामले को अब बंद कर दिया जाना चाहिए।

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