शारदा चिट फंड घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व आयुक्त को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए सबूत देने को कहा

Live Law Hindi

30 April 2019 9:29 AM GMT

  • शारदा चिट फंड घोटाला : सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व आयुक्त को हिरासत में लेकर पूछताछ करने के लिए सबूत देने को कहा

    सुप्रीम कोर्ट ने CBI को कहा है कि वो कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को हिरासत में पूछताछ करने के लिए अपने दावों को लेकर सबूत अदालत में पेश करें।

    अपने अनुरोध को उचित और न्याय के हित में ठहराना जरूरी
    मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने जांच एजेंसी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को कोर्ट को यह संतुष्ट करने के लिए कहा कि कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ करने का उसका अनुरोध उचित और न्याय के हित में है।

    पीठ ने मेहता को इस बात को साबित करने के लिए साक्ष्य लाने को कहा कि कुमार भी चिट फंड मामले में सबूत नष्ट करने या गायब करने में शामिल थे। मेहता ने अदालत से कहा कि वह बुधवार तक कुमार के खिलाफ सबूत दाखिल करेंगे जिसके बाद पीठ ने मामले को बुधवार को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया।

    राजीव कुमार पर आरोप
    सुनवाई के दौरान तुषार मेहता ने कहा कि राजीव कुमार ने SIT प्रमुख के तौर पर ना केवल सबूत नष्ट किए बल्कि मामले की जांच को भी प्रभावित किया। जांच में शामिल होने पर भी उन्होंने एजेंसी के सवालों के सही जवाब नहीं दिए। इसलिए उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ जरूरी है।

    शारदा चिट फंड घोटाले के मामले में सीबीआई ने एक बार फिर अपने रुख पर कायम रहते हुए सुप्रीम कोर्ट को यह बताया कि टेलीकॉम आपरेटरों ने इस संबंध में पूरा कॉल डिटेल रिकॉर्ड कोलकाता पुलिस को सौंपा था लेकिन तत्कालीन कोलकाता पुलिस आयुक्त राजीव कुमार ने एक उल्टे मकसद के साथ इसके एक हिस्से को अपने पास रख लिया।

    रिकॉर्ड सीबीआई तक नहीँ पहुँचे
    सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि CDR के अध्ययन और वोडाफोन की जानकारी से यह खुलासा हुआ है कि मोबाइल कंपनियों द्वारा पूरा रिकॉर्ड दिया गया था, फिर भी उन रिकॉर्डों को सीबीआई के पास नहीं भेजा गया।

    कुमार ने कहा उन्हें निशाना बनाया जा रहा है
    मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने राजीव कुमार को इन आरोपों का जवाब देने के लिए कहा था। इसके बाद उनके द्वारा, सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया गया था, जिसमें कहा गया है कि सीबीआई भाजपा के 2 नेताओं द्वारा एक "बड़ी साजिश" के हिस्से के रूप में "उन्हें" निशाना बना रही है।

    राजीव कुमार की गिरफ्तारी और पूछताछ की मांग
    इससे पहले 6 अप्रैल को शारदा चिट फंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में नई याचिका दायर की और कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार को गिरफ्तार करने और हिरासत में पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी। सीबीआई ने शीर्ष अदालत से राजीव कुमार को गिरफ्तारी से संरक्षण देने वाले 5 फरवरी के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था।

    "राजीव कुमार की गिरफ्तारी है आवश्यक"
    सीबीआई ने याचिका में कहा है कि इस घोटाले की बड़ी साजिश का पता लगाने व सबूत छिपाने या नष्ट करने के मामले में कुमार व अन्य पुलिस अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए राजीव कुमार की हिरासत में पूछताछ जरूरी है। सीबीआई का कहना है कि राजीव कुमार को हिरासत में लेकर शारदा समूह के निदेशकों व राजनेताओं के बीच सांठगांठ का पता लगाना आवश्यक है।

    शिलॉन्ग में हुई पूछताछ में नहीं की सीबीआई की सहायता
    सीबीआई ने यह भी कहा है कि राजीव कुमार, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार शिलॉन्ग में पूछताछ के लिए सीबीआई अधिकारियों के समक्ष पेश हुए, ने एजेंसी के सवालों के जवाब नहीं दिए और साथ ही चिट फंड मामलों में महत्वपूर्ण सबूत उपलब्ध कराने में भी सीबीआई की सहायता नहीं की। कुमार ने किसी भी महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा नहीं किया। सीबीआई का कहना है कि चिट फंड मामले में विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रभारी कुमार कुछ प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जुटाने में भी विफल रहे।

    सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट को अदालत ने बताया था गंभीर
    इससे पहले 29 मार्च को सीबीआई बनाम पश्चिम बंगाल सरकार मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के पूर्व पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ को लेकर सीबीआई द्वारा दाखिल सीलबंद स्टेटस रिपोर्ट को बहुत ही गंभीर बताया था।

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